hamburgerIcon

Orders

login

Profile

SkinHairFertilityBabyDiapersMore
Tackle the chill with hot discounts🔥 Use code: FIRST10Tackle the chill with hot discounts🔥 Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Akbar Birbal Story in Hindi | अकबर बीरबल की कहानियाँ arrow

In this Article

    Akbar Birbal Story in Hindi | अकबर बीरबल की कहानियाँ

    Pregnancy

    Akbar Birbal Story in Hindi | अकबर बीरबल की कहानियाँ

    20 December 2023 को अपडेट किया गया

    बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाने में कहानियाँ बहुत मददगार साबित होती हैं. प्री-इंटरनेट टाइम में बच्चों को कहानियों के जरिए दादी और नानी अक्सर बहुत काम की बातें सिखा देती थीं. बहुत से पैरेंट्स इस कहानी सुनाने की परम्परा को आगे बढ़ाना चाहते हैं. बच्चों को दिन में एक कहानी सुनाने की शुरुआत सभी पैरेंट्स को करनी चाहिए. यह कदम उनकी समझ को बढ़ाता है, बच्चे अपनी संस्कृति और इतिहास को जानते हैं और साथ में उनका अच्छा-ख़ासा मनोरंजन भी हो जाता है. इतिहास की बात आई है तो अकबर और बीरबल के किस्से हमारी लोककथाओं का एक मजेदार हिस्सा हैं. इन किस्सों से बच्चों को मोरल वैल्यूज़ भी मिलती हैं और वो इन्हें सुनना एन्जॉय भी करते हैं. तो हमारे इस आर्टिकल में हमने कुछ मजेदार और रोचक अकबर बीरबल की कहानियाँ (Akbar Birbal story in hindi) लिखीं हैं जो आपके बच्चों को बेहद पसंद आएँगी. अकबर-बीरबल के किस्सों(Akbar and Birbal in hindi) को शुरू करने से पहले इन दोनों के बारे में अपने बच्चे को बेसिक जानकारी जरूर दें. चलिए, आगे जानते हैं अकबर और बीरबल के बारे में !

    अकबर-बीरबल की कहानी (Akbar Birbal ki kahani in Hindi)

    अकबर बीरबल के मजेदार किस्से शुरू करने से पहले बच्चों का इन दोनों महान पुरुषों के बारे में जानना जरुरी है. अकबर मुग़ल साम्राज्य (डाईनेस्टी) के सबसे लोकप्रिय राजा थे. उनके दरबार में नौ ऐसे लोग थे जिनमें प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई थी, इन्हें नवरत्न कहा जाता था और बीरबल उन्ही नवरत्नों में से एक थे.ऐसा बताया जाता है कि बीरबल का असली नाम महेश दास हुआ करता था और वो एक हिन्दू परिवार से थे. इतिहासकारों का मानना है कि बीरबल की बुद्धि बहुत तेज थी और वो किसी भी समस्या का हल मिनटों में निकाल दिया करते थे. अकबर-बीरबल की कहानियों में भी बीरबल की चतुराई देखने को मिलती है. राजा अकबर के साथ उनकी पक्की दोस्ती थी और अकबर उनकी सलाह के बिना कोई फैसला नहीं लेते थे. आइए, अब अकबर बीरबल के छोटे किस्सों को पढ़ते हैं.

    अकबर एंड बीरबल शॉर्ट स्टोरीज़ (Akbar and Birbal short story in Hindi)

    1. आगरा का रास्ता (Agra ka Rasta)

    महाराज अकबर को शिकार खेलने का बहुत शौक था, एक बार राजा शिकार खेलने घने जंगलों की तरफ गए, और अपनी राजधानी आगरा से बहुत दूर निकल गए. जंगल में घूमते-घूमते महाराज और उनके अंगरक्षकों को सुबह से रात हो गयी लेकिन उन्हें कोई बस्ती या रास्ता नहीं नजर आया. फिर कुछ दूर चलने पर एक तिराहा नजर आया. उन रास्तों को देखकर महाराज अकबर की आँखें चमक उठी कि चलो अब रास्ता मिल गया है, इन तीनों में से कोई एक तो जरूर आगरा जाता होगा. तिराहे पर उन्होंने एक बच्चे को खड़ा हुआ देखा. महाराजा अकबर ने बच्चे से पूछा - अरे बच्चे! कौन सा रास्ता आगरा जाता है? बच्चे ने जवाब दिया, कोई सा भी नहीं और जोर-जोर से हंसने लगा. ये देखकर अंगरक्षकों ने उसे डांटा, कहा, - जहाँपनाह से मजाक करते हो, तुम्हे दंड दिया जाएगा. बच्चा और जोर से हंसने लगा और कहा, मैं कहाँ मजाक कर रहा हूँ, मजाक तो महाराज कर रहें हैं, इन तीनों रास्तों में से कोई भी रास्ता कहीं नहीं जाता, रास्ते तो अपनी जगह ही रहते हैं. हाँ, आदमी जरूर इन रास्तों से जा सकते हैं.

    ये बात सुनकर सम्राट अकबर और उनके अंगरक्षक भी हंसने लगे. सम्राट को बच्चे के साहस और सूझ-बूझ पर बहुत हैरानी हुई. उन्होंने बच्चे से उसका नाम पूछा, बच्चे ने अपना नाम महेश दास बताया. बच्चे की सूझ-बूझ से प्रभावित होकर अकबर ने उससे पूछा, तो बताओं बच्चे हम कौन से रास्ते से तुम्हें आगरा ले जा सकते हैं. बच्चे ने अबकी बार आगरा का सही रास्ता सम्मानपूर्वक बताया. अकबर उस बच्चे को अपने दरबार में लाए और इसी चतुर बच्चे का नाम आगे चलकर बीरबल पड़ा.

    2. बीरबल बने बच्चे (Birbal Bane Bacche)

    एक बार की बात है, बीरबल को राजा अकबर के दरबार में सुबह-सुबह जाना था लेकिन दोपहर हो गई. राजा अकबर बहुत गुस्सा थे क्योंकि वो बीरबल के बिना दरबार में कोई चर्चा शुरू नहीं करते थे. बीरबल को देखते ही राजा भड़क उठे और उन्होंने बीरबल से देर से आने का कारण पूछा. बीरबल ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि महाराज आज उनके बच्चों ने उन्हें रोक लिया था और कह रहे थे कि पिताजी आज दरबार मत जाइए. उनकी जिद के आगे मेरी एक ना चली. मुझे उन्हें समझाने में इतना टाइम लग गया कि दोपहर हो गयी.

    महाराज अकबर को बीरबल की इन बातों पर बिल्कुल यकीन नहीं हुआ और वो कहने लगे कि बीरबल तुम झूठ मत बोला करो, बहाने ना बनाया करो. बच्चों को समझाना इतना भी मुश्किल नहीं है, उन्हें डांट दो तो वो जरा सी देर में जिद करना छोड़ देते हैं. बीरबल को ये बात पसंद नहीं आई क्योंकि बीरबल तो बच्चों को सम्भालते थे और उनकी जिदों को अच्छी तरह जानते थे. बीरबल बोले -महाराज बच्चों की जिद पूरी करना आसान काम नहीं है और ये बात मैं साबित कर सकता हूँ लेकिन इसके लिए आपको मेरा पिता बनना पड़ेगा और मुझे आपका बच्चा, बोलो मंजूर है?

    सम्राट अकबर अपनी बात पर डटे हुए थे इसलिए उन्होंने बीरबल की चुनौती स्वीकार कर ली. जैसे ही सम्राट अकबर ने बीरबल की बात मानी, बीरबल ने बच्चों की तरह रोना शुरू कर दिया और गन्ना खाने की जिद करने लगे। राजा ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि बच्चा बने बीरबल के लिए गन्ना लाया जाए। जब गन्ना लाया गया तो बीरबल ने कहा ऐसा गन्ना तो मैं नहीं खाऊंगा, मुझे छिला हुआ गन्ना चाहिए. अब एक नौकर को गन्ना छीलने पर लगाया गया. जैसे ही गन्ना छीलकर तैयार हुआ, बीरबल जोर-जोर से रोने लगे और कहने लगे कि उन्हें इतना बड़ा गन्ना नहीं चाहिए, छोटे-छोटे गन्ने चाहिए. अब बच्चे बने बीरबल की जिद पूरी करने के लिए गन्ने को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा गया. अब कटे हुए गन्ने को बीरबल को पेश किया गया, बीरबल ने सारे गन्ने के टुकड़ों फेंक दिया. अकबर को ये देखकर बहुत गुस्सा आया, उन्होंने बीरबल को जोर से डांट दिया कि अब खाते क्यों नहीं , तुम्हारे कहने पर गन्ने के छोटे टुकड़े भी कर दिए हैं. डांट सुनकर बीरबल ने और तेज रोना-चिल्लाना शुरू कर दिया. अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ उन्होंने फिर प्यार से पुचकारते हुए पूछा “तुम क्यों रो रहे हो बीरबल बेटा?

    बीरबल ने कहा, मुझे छोटा नहीं बड़ा गन्ना चाहिए. अब बीरबल के लिए एक दूसरा बड़ा गन्ना मंगाया गया. उसे देखकर बीरबल फिर गुस्से में मुहँ फुलाए बैठे रहे. अकबर ने पुछा, भला अब क्या हुआ? खाओ गन्ना, खाते क्यों नहीं? इतना सुनना था कि बीरबल फिर रोने लगे और बोले मुझे वही पहले वाला गन्ना जोड़कर दो, तुरंत. ये सुनकर अकबर अपना सर खुजलाने लगे और उन्हें समझ आ गया कि बच्चों को समझाना आसान काम नहीं है. बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं और बीरबल को सच में अपने बच्चों को बहलाने में समय लगा होगा.

    अकबर-बीरबल की मोरल स्टोरीज़ (Moral stories of Akbar and Birbal in Hindi)

    3. मूर्ख पंडित (Moorkh Pandit)

    एक बार की बात है एक आदमी जो बिल्कुल पढ़ा लिखा नहीं था वो बीरबल से मिलने आया और अनुरोध करने लगा कि महाराज अकबर से ये ऐलान करवा दें कि राज्य में सभी लोग मुझे पंडित कहकर पुकारा करें. बीरबल ने उसे समझाया कि पंडित की उपाधि केवल उसी व्यक्ति को दी जा सकती है जो विद्वान हो और समझदार हो. अगर तुम्हें पंडित बनना है तो तुम्हे सबसे पहले बहुत ज्यादा पढ़ने की जरुरत है. उस व्यक्ति को ये बात बिल्कुल समझ नहीं आई, और वो जिद पर अड़ा हुआ था कि उसे अबसे पंडित ही बुलाया जाए. बीरबल ने अकबर से यह बात बताई तो अकबर ने कहा कि इस समस्या का समाधान भी केवल तुम ही कर सकते हो.

    अगले दिन बीरबल ने उस व्यक्ति को बुलाया और कहा कि क्योंकि तुम बिल्कुल पढ़े-लिखे नहीं हो, इसलिए जब कोई तुम्हें पंडित कहे तो गुस्सा दिखाना और लोगों को मारने लगना, ऐसा दिखाना जैसे तुम्हे ये मजाक बिल्कुल पसंद नहीं हो. उस व्यक्ति को तो कैसे भी अपने आप को पंडित कहलवाना था तो वो यह करने के लिए तैयार हो गया. अगले दिन बीरबल ने चार-पांच दरबारियों से कह दिया कि उस व्यक्ति को पंडित कहा करें. अब दरबारी उसे पंडित कहते और वो उन्हें मारने दौड़ता. सबको इस खेल में बड़ा मजा आता. धीरे-धीरे सभी लोग उस व्यक्ति को पंडित के नाम से चिड़ाने लगे. वो सबको ऊपर-ऊपर से गुस्सा दिलाता और अंदर ही अंदर खुश होता था. उसे बीरबल की चालाकी कभी समझ नहीं आई और वो अपने इस नाम से खुश था जबकि राज्य में हर कोई उसका मजाक बना रहा था. इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा अपनी योग्यता के अनुसार ही सम्मान की इच्छा रखनी चाहिए, नहीं तो हंसी का पात्र बनना पड़ता है.

    अकबर-बीरबल की फनी स्टोरीज़ (Funny stories of Akbar and Birbal in Hindi)

    4. जादुई गधा (Jadui Gadha)

    सम्राट अकबर ने एक बार अपनी बेगम को जन्मदिन पर बेशकीमती हीरों का हार उपहार में दिया. बेगम को हार बहुत पसंद आया, उन्होंने एक बार हार पहनकर अपने संदूक में रख दिया. कुछ दिन बाद सम्राट अकबर और बेगम को एक जश्न में जाना था तो सम्राट ने बेगम से अनुरोध किया कि उस बेशकीमती हार को पहनकर चलें. जश्न वाले दिन बेगम ने उस हार को पहनने के लिए जैसे ही संदूक खोला, उसमें से हार गायब था. बेगम ने हार के गुम होने की खबर सम्राट अकबर को दी. सम्राट ने ये बात सुनी तो उन्होंने बीरबल को महल बुलाकर, इस समस्या के बारे में बताया. बीरबल ने पहले तो सारे महल में हार की खोज की. जब हार नहीं मिला तो बीरबल ने कहा कि हार किसी ने चोरी कर लिया है. बीरबल ने महल में काम करने वाले सभी सेवकों और दरबारियों में ये ऐलान कर दिया कि कल सुबह सभी राजदरबार में आएं.

    अगले दिन सुबह सारे कर्मचारी राजदरबार में एकत्रित हो गए लेकिन बीरबल नहीं आए. महाराज अकबर समेत सभी बीरबल का इन्तजार कर रहे थे. तभी बीरबल दरबार में पेश हुए लेकिन वो अकेले नहीं थे, उनके साथ एक गधा था. अकबर ने पुछा कि भला इस गधे को आप दरबार में लेकर क्यों आए हैं? बीरबल ने कहा,- राजन ये कोई ऐसा-वैसा गधा नहीं है बल्कि ये जादुई गधा है. यह उस व्यक्ति का नाम बता सकता है जिसने चोरी की है.

    बीरबल ने गधे को एक कमरे में बाँध दिया और कहा कि अब सभी कर्मचारी एक-एक करके इस कमरे में जाएंगें और गधे की पूँछ पकड़कर कहेंगें कि मैं चोर नहीं हूँ, बाद में ये गधा उस व्यक्ति का नाम बता देगा जिसने चोरी की है. सबने ऐसा ही किया. सब कमरे में जाते और गधे की पूँछ पकड़कर कहते कि मैं चोर नहीं हूँ. जब सभी ने ऐसा कर लिया तो बीरबल ने सबको एक लाइन में खड़ा किया और सबके हाथ सूंघे और एक व्यक्ति को लाइन से बाहर निकाल कर कहा कि यह व्यक्ति चोर है. अकबर ने बीरबल से पूछा कि क्या इस व्यक्ति का नाम तुम्हें जादुई गधे ने बताया है? बीरबल बोले “नहीं, ये कोई जादुई गधा नहीं है, मैंने इसकी पूँछ पर इत्र लगाया था और जिन्होनें इसकी पूँछ पकड़कर कहा है कि उन्होंने चोरी नहीं की, उन सबके हाथों में खुशबु आ रही है. बस यही एक व्यक्ति है जिसने गधे की पूँछ इसलिए नहीं पकड़ी ताकि ये पकड़ा ना जा सके. बीरबल की इस होशियारी से अकबर बहुत खुश हुए और उस चोर ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया. अकबर ने उससे वो बेशकीमती हार हासिल करके उसे जेल भेज दिया और बीरबल को बहुत शाबाशी दी.

    इसे भी पढ़ें : पंचतंत्र की दिलचस्प कहानियाँ

    निष्कर्ष (Conclusion)

    तो ये थीं कुछ मजेदार और रोचक अकबर-बीरबल स्टोरीज़. इन कहानियों से हमें हाजिरजवाब और बुद्धिमान बनने की प्रेरणा मिलती है. उम्मीद है आपको ये अकबर-बीरबल स्टोरीज बहुत पसंद आई होंगीं. इन कहानियों को आप अपने बच्चों को जरूर सुनाएं और बाकि पैरेंट्स के साथ भी शेयर करें.

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Auli Tyagi

    Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

    Read More

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.

    Product Categories

    baby test | test | baby lotions | baby soaps | baby shampoo |