Second Trimester
4 December 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी का 5 वाँ महीना (Pregnancy ka 5 mahina) बहुत ही दिलचस्प होता है. जहाँ एक ओर इस दौरान एक गर्भवती महिला को कुछ अलग-सा एहसास होता है, तो वहीं दूसरी ओर इस दौरान बेबी का डेवलपमेंट भी बहुत तेज़ी से हो रहा होता है. इस आर्टिकल के ज़रिये जानें कि आख़िर प्रेग्नेंसी का 5 वाँ माह कैसा होता है (5 month pregnancy in Hindi), इस दौरान किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं (5 month pregnancy symptoms in Hindi), 5 वें माह में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (5 month pregnancy care in Hindi) और 5 वें माह में बेबी की ग्रोथ कैसे होती है (5 month pregnancy baby growth in Hindi), आदि.
प्रेग्नेंसी के 5वें माह (5 month pregnancy symptoms in hindi) में महसूस होने वाले लक्षण (20 week pregnancy symptoms in Hindi) थोड़े अलग हो सकते हैं. इस समय आप प्रेग्नेंसी जर्नी के बिल्कुल मिड में हैं. बता दें कि दूसरी तिमाही (4 से 6 माह) को गोल्डन पीरियड ऑफ़ प्रेग्नेंसी (Golden period of pregnancy) कहा जाता है, क्योंकि यह तिमाही अन्य दो तिमाही की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है. चलिए आपको बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के 5वें माह में किस तरह के लक्षण (Pregnancy ke 5th month ke lakshan in Hindi) महसूस होते हैं!
प्रेग्नेंसी के 5वें माह (Pregnancy ke 5 mahine mein) में कई महिलाओं के पैर भारी हो जाते हैं. जी हाँ, इस दौरान महिलाओं को पैरों में ख़ासकर तलवों में सूजन महसूस होती है. दरअसल, इस दौरान ब्लड की नसों पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण पैरों में सूजन जाती है. इस दौरान पैरों में दर्द भी होता है.
प्रेग्नेंसी के 5वें माह में (fifth month of pregnancy in Hindi) कमर और कमर के निचले हिस्से में दर्द होना बहुत ही आम है. दरअसल, इस दौरान आपका पेट का आकार बढ़ता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने लगता है. इसके कारण कमर में दर्द होने लगता है. प्रेग्नेंसी में कमर दर्द अधिक परेशान न करे, इसके लिए आपको अपने उठने-बैठने के पोस्चर पर ध्यान देना चाहिए.
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प्रेग्नेंसी के 5वें माह (5 mahina pregnancy) में कई महिलाओं को नाक बंद होने का एहसास भी होता है. हार्मोनल बदलाव के कारण नाक में सूजन आ सकती है और इस कारण आपको साँस लेने में भी परेशानी महसूस हो सकती है. इस समस्या से राहत पाने के लिए आप स्टीम ले सकती हैं.
प्रेग्नेंसी के 5वें माह (5th month pregnancy in Hindi) में कुछ महिलाएँ चक्कर आने का अनुभव भी करती हैं. ऐसा कम हीमोग्लोबिन या लो ब्लड प्रेशर के कारण हो सकता है. इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
अगर प्रेग्नेंसी के 5वें माह (Pregnancy ka 5 month ) में आप अपना कोई सामान रखकर भूल जाती हैं, तो परेशान न हो. आप की ही तरह कई ऐसी महिलाएँ होती हैं, जिन्हें इस समय भूलने की प्रॉब्लम होती है. इसका मतलब यह है कि वे छोटी-छोटी बातों को भूल जाती हैं या किसी काम पर से उनका ध्यान हट जाता है. यह प्रेग्नेंसी का आम लक्षण है और इसे लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
पेट का साइज़ बढ़ने के कारण इस दौरान सोना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. प्रेग्नेंसी के 5 वें महीने (5 month ki pregnancy) में अच्छी नींद लेने के लिए आप प्रेग्नेंसी पिलो का इस्तेमाल कर सकती हैं. प्रेग्नेंसी पिलो प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी को बेहतर तरीक़े से सपोर्ट देते हैं.
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प्रेग्नेंसी के 5वें माह (Pregnancy ka 5 month in Hindi) में आपको ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन यानी कि पेट के निचले हिस्से में संकुचन महसूस हो सकता है. हालाँकि, जैसे-जैसे आपकी प्रेग्नेंसी बढ़ती जाएगी आपको यह लक्षण अधिक महसूस होगा.
बेबी के 5वें माह में बेबी के मूवमेंट (5 month pregnancy baby movement in Hindi) में भी बदलाव महसूस होता है. इस समय तक बेबी गर्भ में उबासी लेना और किक मारना शुरू कर देता है. बेबी की मूवमेंट बटरफ्लाई की तरह होती है. साथ ही, प्रेग्नेंसी के 5वें माह (22 week pregnancy in hindi) में बेबी सुनना भी शुरू कर देता है. प्रेग्नेंसी के 5वें माह में बेबी का वज़न (5 month pregnancy me baby ka weight) लगभग 300 से 450 ग्राम होता है और उसकी लंबाई 8 से 12 इंच के बीच होती है.
प्रेग्नेंसी के 5वें माह (5 month pregnancy symptoms in hindi)को हैप्पी और हेल्दी बनाने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें!
1. हेल्दी डाइट फॉलो करें और हाइड्रेटेड रहें. पानी पीने में बिल्कुल भी कंजूसी न करें.
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2. हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करते रहें. आप योग को भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं. हालाँकि, अगर आपकी प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन है, तो आपको कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.
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4. डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाते रहें. ताकि आप ख़ुद का और अपने गर्भ में पल रहे बेबी का बेहतर तरीक़े से ख़्याल रख सकें.
5. काम से ब्रेक लें और स्ट्रेस से दूर रहें.
6. इस दौरान पेट पर स्ट्रेच मार्क्स भी उभरने लगते हैं. इसलिए इस समय आपको स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के अन्य महीनों की तुलना में 5 वाँ माह भले ही थोड़ा सुरक्षित माना गया है, लेकिन फिर भी आपको सावधानी रखना चाहिए. डॉक्टर के बताये गए निर्देशों का पालन करें और खुश रहें!
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1. Soma-Pillay P, Nelson-Piercy C, Tolppanen H, Mebazaa A. (2016). Physiological changes in pregnancy.
2. Foxcroft KF, Callaway LK, Byrne NM, Webster J. (2013). Development and validation of a pregnancy symptoms inventory. BMC Pregnancy Childbirth.
3. Fowler JR, Mahdy H, Jack BW. (2023). Pregnancy.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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