Abortion
2 September 2023 को अपडेट किया गया
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन सामान्य है और दर्दनाक भी हो सकता है. हार्मोनल बदलाव जैसे एस्ट्रोजन का कम होता स्तर, गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन की वजह बनता है. इसमें दर्द हल्के से तेज हो सकता है जो कई दिन और हफ्तों तक रह सकता है.
कई महिलाएं इस बात से हैरान होती हैं कि गर्भपात के बाद होने वाला ब्रेस्ट पेन सामान्य है या नहीं. हां, गर्भपात या भ्रूण का नुकसान होने के बाद ब्रेस्ट पेन सामान्य है क्योंकि शरीर कुछ समय के लिए बच्चे को याद रखता है और प्रेग्नेंसी वाले मोड में ही काम करता है. पहले वाली स्थिति में आने में शरीर को कुछ समय लगता है.
ये भी पूछा जाता है- गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन कितने लंबे समय तक रहेगा? आमतौर पर इस पूरी प्रक्रिया में 2 हफ्तों का समय लग जाता है. अच्छी खबर ये है कि दर्द में आराम देने वाले कई तरीके मौजूद हैं जो दर्द कम करते हैं या फिर इन लक्षणों को ख़त्म कर देते हैं. लेकिन इन तरीकों में से किसी को भी इस्तेमाल करने से पहले महिलाओं को अपनी स्थिति के बारे में डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए.
इस आर्टिकल में गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन के बेहद आम दर्दनिवारक तरीकों के बारे में बताया जाएगा जैसे दर्द की अवधि और इससे जुड़ी दूसरी जानकारी.
नॉनस्टेरिओडल एंटी-इन्फ्लेमेट्री ड्रग (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs (NSAIDs)
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन में आराम देने का सबसे आम तरीका है, उदाहरण के लिए इबुप्रोफेन, नेपरोक्सन और एस्पिरिन एनएसएआईडी में से एक हैं. ये दवाइयां इंफ्लेमेशन को रोकती हैं, जिसके चलते दर्द दूर हो जाता है. किसी भी एनएसएआईडी का सेवन किए जाने से पहले निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ा जाना जरूरी है. डॉक्टर से भी मिला जाना चाहिए.
कॉटन ब्रा पहनें जो ब्रेस्ट को सपोर्ट करे (Wearing a cotton bra that fits properly to support the breasts well)
महिलाओं के ब्रेस्ट गर्भपात के बाद काफी संवेदनशील हो जाते हैं इसलिए जरूरी है कि ऐसी ब्रा पहनी जाए जो ब्रेस्ट को सपोर्ट करे. इस काम के लिए कॉटन ब्रा पहनने की सलाह दी जाती है. आराम और हवादार कपड़े के मामले में ये सबसे अच्छा रहता है.
रिलैक्सेशन तकनीक से दिक्कत की वजह से हुई एंक्जाइटी को कंट्रोल करना (Controlling anxiety caused by discomfort by utilising relaxation techniques)
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन की वजह से होने वाले तनाव और एंक्जाइटी को रिलैक्सेशन तकनीक जैसे योगा और मेडिटेशन से कम किया जा सकता है. इन एक्टिविटी के साथ दर्द को कम करके बॉडी का संतुलन बनाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, बेहतर असर के लिए इन तकनीक को दूसरे आराम के तरीकों के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ना क्या होता है? इसे कैसे ठीक करें?
यहां पर खाने से जुड़े सुझावों के बारे में बताया गया है, जिन्हें अपनाकर महिलाएं गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन को कम कर सकती हैं:
हाई फाइबर डाइट (Switching to a high-fibre diet)
जब महिलाओं को गर्भपात होता है तो उन्हें कब्ज सहित पाचन से जुड़ी दूसरी दिक्कतें होने लगती हैं. हाई फाइबर डाइट महिलाओं के पाचन तंत्र को ठीक रखती है जिसके चलते कब्ज की वजह से होने वाला दर्द कम होता है.
विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और बी विटामिन का सेवन (Consumption of food rich in Vitamin C, calcium, magnesium, and B vitamins)
गर्भपात के बाद बॉडी को ठीक करने के लिए विटामिन और मिनरल की जरूरत होती है. विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और बी विटामिन दर्द कम करके सुधार को तेज कर सकते हैं. इस तरह के खाने में शामिल है संतरे, पालक, ब्रोकली, बादाम, ओट्स और सख्त अनाज.
दो हफ्तों के लिए विटामिन ई का सेवन (Consuming Vitamin E supplement for two weeks)
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन को कम करने में विटामिन ई को लाभकारी माना गया है. दो हफ्तों तक विटामिन ई का सेवन करके सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है. दूसरी दवाओं से गलत असर होने की संभावना होती है इसलिए कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले महिलाओं को अपने डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है.
ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए (Omega-3 fatty acids should be consumed)
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाने जैसे सेलमन, अलसी के बीज और अखरोट, इंफ्लेमेशन, दर्द और ब्रेस्ट में सूजन को कम कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, ओमेगा-3 फैटी एसिड त्वचा की सेहत को बेहतर करते हैं और ऐंठन को भी कम करते हैं. ये दिक्कतें गर्भपात के बाद सामान्यतौर पर होती ही हैं.
प्राइमरोज ऑयल सप्लीमेंट भी हैं विकल्प (Primrose oil supplements can act as an alternative)
प्राइमरोज ऑयल प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेट्री होते हैं जो गर्भपात के बाद ब्रेस्ट की सूजन और दर्द को कम करते हैं. दो हफ्तों तक प्राइमरोज ऑयल सप्लीमेंट का सेवन सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
आराम के लिए कैफीन और निकोटिन के सेवन से बचें (One should avoid caffeine and nicotine to reduce discomfort)
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन से होने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए कैफीन और निकोटिन के सेवन को कम किया जाना चाहिए. ये दोनों ही उत्तेजक का काम करते हैं, जिसके चलते एंक्जाइटी और सतर्कता दोनों बढ़ जाती हैं. फिर आराम नहीं मिल पाता है और दर्द भी कम नहीं होता है.
सूजन से बचने के लिए सोडियम का कम सेवन (Minimising sodium intake to reduce swelling)
गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन की वजह बनने वाली सूजन को कम सोडियम वाली डाइट का सेवन करके कम किया जा सकता है. आमतौर पर सोडियम से भरपूर प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फ़ूड से दूरी फायदेमंद हो सकती है. इसके अतिरिक्त, खाने में नमक का कम इस्तेमाल इसके सेवन को भी कम किया जा सकता है.
कुलमिलाकर, गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन से छुटकारा पाने के कई तरीके मौजूद हैं. कोई भी इलाज करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है. महिलाओं को दर्द कम करने के लिए अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना चाहिए. सही दृष्टिकोण के साथ महिलाएं गर्भपात के बाद ब्रेस्ट पेन से छुटकारा पा सकती हैं.
References
1. Nyboe Andersen A, Damm P, Tabor A, Pedersen IM, Harring M. (1990). Prevention of breast pain and milk secretion with bromocriptine after second-trimester abortion. Acta Obstet Gynecol Scand.
2. Beaman J, Prifti C, Schwarz EB, Sobota M. (2020). Medication to Manage Abortion and Miscarriage. J Gen Intern Med.
3. Sereshti M, Nahidi F, Simbar M, Bakhtiari M, Zayeri F. (2016). An Exploration of the Maternal Experiences of Breast Engorgement and Milk Leakage after Perinatal Loss. Glob J Health Sci.
Breast Pain After Abortion: Pain Relief Methods in English, Breast Pain After Abortion: Pain Relief Methods in Tamil, Breast Pain After Abortion: Pain Relief Methods in Telugu, Breast Pain After Abortion: Pain Relief Methods in Bengali
Yes
No
Written by
Parul Sachdeva
A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Benefits of Saffron in Hindi | केसर के क्या फ़ायदे होते हैं?
Chalk Craving During Pregnancy In Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में चॉक की क्रेविंग होना नॉर्मल है?
Thigh Chafing in Hindi | थाई चेफिंग क्या होता है?
Implantation Bleeding in Hindi | इंप्लांटेशन ब्लीडिंग क्या है और यह कब होती है?
Birth Control Pills in Hindi | बर्थ कंट्रोल पिल्स बंद करने के कितने दिन बाद हो सकता है गर्भधारण?
Benefits of Millet During Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी के दौरान बाजरा खा सकते हैं?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby test | test | baby lotions | baby soaps | baby shampoo |