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23 August 2023 को अपडेट किया गया
आयुर्वेद और पारंपरिक चाइनीज़ मेडिसिन में प्रयोग किया जाने वाला गोक्षुरा एक पौधा है जिसका साइंटिफिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) है. आगे हम आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी देंगे.
गोक्षुरा (Gokshura in Hindi) दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में उगता है और विशेष रूप से रिप्रोडक्टिव सिस्टम और यूरिनरी ट्रेक की हेल्थ पर अपने औषधीय प्रभाव के लिए प्रयोग होता है. इसका उपयोग अक्सर लो सेक्स ड्राइव, इंफर्टिलिटी और यूरिनरी ट्रेक की समस्याओं के समाधान के लिए एक नेचुरल ट्रीटमेंट के रूप में किया जाता है. गोक्षुरा (Gokshura uses in Hindi) में ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं जो इसे एक दवा के रूप में बेहद प्रभावशाली बना देते हैं.
जी हाँ, गोक्षुरा और गोखरू एक ही पौधे का नाम है जिसे वैज्ञानिक रूप से ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) कहते हैं. अलग-अलग क्षेत्र की भाषाओं और बोलियों के कारण ये इन दो नामों से पुकारा जाता है. गोक्षुरा संस्कृत नाम है जबकि इसे हिंदी में (Gokshura meaning in Hindi) गोखरू कहते हैं.
आइये अब बात करते हैं पुरुषों के लिए इसके कई सारे हेल्थ (Gokshura benefits in Hindi) बेनीफिट्स के बारे में.
गोक्षुरा, पुरुषों में सेक्स ड्राइव बढ़ाने में बेहद लाभकारी है. यह नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रोडक्शन को बढ़ाता है जिसे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और इरेक्टाइल फंक्शन बेहतर होता है.
गोक्षुरा से टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी बढ़ता है जिससे मेल सेक्शुअल फंक्शन में सुधार आता है और इंफर्टिलिटी के मामलों में भी लाभ मिलता है.
गोक्षुरा के बायोएक्टिव कंपाउंड स्पर्म की क्वालिटी और काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं. इससे टेस्टोस्टेरोन के हेल्दी लेवल को मेंटेन करने में मदद मिलती है जो स्प्रेम प्रोडक्शन में मददगार है. साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण, स्पर्म सेल्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में भी मदद करते हैं, जिससे उनकी मोबिलिटी में सुधार आता है.
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गोक्षुरा को फिटनेस और बॉडीबिल्डिंग से जुड़े व्यक्तियों द्वारा भी उपयोग किया जाता है. इसमें मौजूद कंपाउंड टेस्टोस्टेरोन के प्राकृतिक प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं जो मांसपेशियों की ग्रोथ और ताकत के लिए ज़रूरी हार्मोन है.
गोक्षुरा को गुर्दे की पथरी के ट्रीटमेंट में भी सहायक माना जाता है. इसमें पेशाब खुल के लाने वाले (diuretic properties) गुण होते हैं जिससे किडनी स्टोन को बाहर निकालने या यूरीनरी ट्रैक में मिनरल्स और क्रिस्टल फॉरमेशन को रोकने में मदद मिलती है जिससे आगे चलकर पथरी बनने का खतरा नहीं होता.
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अब जानते हैं गोक्षुरा से महिलाओं को किस तरह के (Gokhru ke fayde) फ़ायदे होते हैं.
आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि गोक्षुरा के यौगिक कंपाउंड, हार्मोन लेवल और सेक्शुअल फंक्शन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव डालते हैं जिससे यह महिलाओं में लिबिडो को बढ़ाता है. इससे हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है और महिलाओं में यौन इच्छा और उत्तेजना में सुधार आता है.
गोक्षुरा के यौगिक कंपाउंड महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन को ठीक करके इसके कई सारे सिंपटम्स को कंट्रोल करते हैं; जैसे कि- इंसुलिन रेसिस्टेंस, एण्ड्रोजन का बढ़ा हुआ लेवल, अनियमित पीरियड्स और अब्नॉर्मल हेयर ग्रोथ, आदि.
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गोक्षुरा महिलाओं में स्किन केयर के लिए भी लाभदायक है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण, स्किन सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं जिसे स्किन टेक्सचर में सुधार आता है. इसके अलावा हार्मोनल असंतुलन को ठीक करके ये उससे जुड़ी अन्य स्किन प्रॉब्लम; जैसे - मुँहासे आदि को भी कम कर देता है.
गोक्षुरा यूरिनरी ट्रेक इन्फेक्शन (UTI) में भी बेहद राहत देता है. इसकी मूत्रवर्धक (diuretic) और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ पेशाब को खुल कर बाहर लाने में मदद करती हैं जिसे हानिकारक बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं और यूटीआई के दर्द और जलन से राहत मिलती है.
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गोक्षुरा में पाचक गुण होते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम (gastrointestinal discomfort) जैसे पेट फूलना, और असुविधा को शांत करने में मदगार होते हैं.
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आप कई तरह से गोक्षुरा का सेवन कर सकते हैं; जैसे कि कैप्सूल, पाउडर, क्वाथ या लिक्विड के रूप में, लेकिन इसे हमेशा किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह से ही लें. यहाँ हम इसके सेवन से जुडी कुछ सामान्य बातें आपको बताएँगे.
गोक्षुरा की सही मात्रा पेशेंट की उम्र, रोग, हेल्थ कंडीशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. अडल्ट्स को आमतौर पर इसकी 1-2 टेबलेट पानी या दूध के साथ खाने के बाद लेने की सलाह दी जाती है जबकि इसके क्वाथ या पाउडर को 4-6 चाय के चम्मच की मात्रा में दूध या पानी के साथ मिलाकर लिया जाता है.
गोक्षुरा को सामान्यतः भोजन के साथ ही लिया जाता है, लेकिन रोग या ज़रूरत के अनुसार ये दवा का समय अलग अलग हो सकता है. उदाहरण के लिए, सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग दिन में किया जाता है.
सही ख़ुराक में गोक्षुरा का सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है लेकिन अधिक मात्रा में खा लेने पर कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं; जैसे कि-
कुछ लोगों को पेट दर्द, उल्टी या दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम हो सकती हैं.
कुछ व्यक्ति गोक्षुरा के प्रति सेंसेटिव या एलर्जिक हो सकते हैं, जिससे खुजली, दाने या सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
अगर महिलाएँ इसका अधिक मात्रा में सेवन करती हैं, तो इससे उनके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं.
कुछ एलोपेथिक दवाओं के साथ मिलकर या कुछ ख़ास मेडिकल कंडीशन में गोक्षुरा रिएक्शन कर सकता है. डाइबिटीज, बीपी, या हार्मोनल इंबैलेंस के लिए दवाएँ लेने वाले व्यक्तियों को गोक्षुरा का उपयोग करने से पहले किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
मूत्रवर्धक होने के कारण गोक्षुरा का उपयोग कभी-कभी किडनी के इलाज़ में किया जाता है लेकिन अत्यधिक उपयोग किडनी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है. साथ ही अधिक यूरिन निकलने से बीपी लो होने का खतरा रहता है.
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गोक्षुरा एक सुरक्षित औषधि है लेकिन इसका उपयोग आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए. ख़ासतौर पर प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफ़ीडिंग माँओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. किसी भी साइड इफेक्ट के रिस्क को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गयी ख़ुराक और समय से ज़्यादा इसका प्रयोग न करें.
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2. Chhatre S, Nesari T, Somani G, Kanchan D, Sathaye S. (2014). Phytopharmacological overview of Tribulus terrestris.
3. Rajashekar V, Rao EU, P S. (2012). Biological activities and medicinal properties of Gokhru (Pedalium murex L.).
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