Care for Baby
2 August 2023 को अपडेट किया गया
सबसे पहले आप अपने बच्चे की मालिश करने के लिए एक सही जगह चुनाव करें जो आपके दोनों के लिए आरामदायक होनी चाहिए. अब बच्चे को मुलायम तौलिये या कंबल पर सावधानी से लिटाएँ. ध्यान रखें की कमरा आरामदायक और गर्माहट भरा होना चाहिए यानि कि न तो बहुत गर्म और न ही बहुत ठंडा.
इस दौरान पेट्स और मोबाइल फोन जैसी चीजों को दूर ही रखें. मालिश करते हुए आप बच्चे के लिए हल्का म्यूज़िक भी चला सकती हैं या फिर चाहें तो खुद ही कुछ गुनगुनायें. मालिश के लिए एक अच्छा बेबी ऑयल या लोशन चुनें, क्योंकि इससे बच्चे की त्वचा पर मालिश के लिए हाथ चलाने में मदद मिलती है. लेकिन याद रखें अगर आपके शिशु को एक्जिमा जैसी किसी भी तरह की स्किन प्रौबल्म है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही मालिश करना शुरू करें.
कुछ सामान्य तेल और लोशन जैसे कि सरसों का तेल, ऐक्वा बेस्ड क्रीम, अनरिफाइंड पीनट औइल जैसे तेल बच्चे की मालिश के लिए ठीक नहीं हैं. ये तेल बच्चे की कोमल और नाजुक त्वचा के लिए हार्श होते हैं और कई बार उसे नुकसान भी पहुँचा सकते हैं. इसके बजाय आप किसी अच्छी ब्रांड का बेबी मसाज औइल जैसे कि Mylo Care Baby Massage Oil या कोकोनट ऑइल का इस्तेमाल करें।
बच्चे को मालिश के लिए रेडी करने के बाद आप उसके सिर, चेहरे, पीठ, छाती, पेट, पैरों और तलवों की नीचे बताई गए तरीकों से मालिश करें.
सिर की मालिश के लिए अपनी हथेली में थोड़ा सा तेल लें और इसे बच्चे के सिर पर थपथपाएं इसके बाद पूरे सिर पर तेल को फैलाने के लिए धीरे धीरे सर्कुलर मूवमेंट्स में अंगुलियाँ चलाएं. फॉन्टनेल यानि कि बच्चे के सिर के नरम स्थान का ध्यान रखें ताकि उस पर दबाव न पड़े.
अब बच्चे के चेहरे पर थोड़ा सा तेल लगाएं और अपनी उंगलियों की मदद से टैपिंग करें. उंगलियों को फोरहेड से चिन की तरफ चलाएं और भौहों पर हल्का दबाव डालकर अंदर से बाहर की ओर स्ट्रोक दें. बच्चे के गाल, ठुड्डी और नाक पर हल्के हाथों से मसाज करें.
अब बच्चे को कौलिक से छुटकारा दिलाने के लिए पेट के बीच के हिस्से पर सरक्युलर मूवमेंट में हाथ चलाएं. पेट की मालिश पूरी करने के बाद बच्चे के घुटनों को पेट तक मोड़ें और हल्का सा दबाव डालें. लगभग 10 सेकंड के लिए होल्ड करें और वापस सीधा कर दें. फिर इसे कुछ बार दोहराएं. बच्चे की नाभि के निचले हिस्से से नीचे की ओर मालिश करें. इससे पेट में जमा गैस रिलीज़ होती है.
पीठ की मालिश के लिए बच्चे को पेट के बल लिटाएं. अब अपने दोनों हाथों से बच्चे की गर्दन से लेकर हिप्स तक अंगुलियों को ऊपर नीचे चलाते हुए हल्के हाथ से मालिश करें. बच्चे की रीढ़ पर सरक्युलर मूवमेंट्स में हल्का दबाव डालते हुए हाथ चलाएं.
अपने दोनों हाथों को बच्चे की छाती के बीच में रखते हुए कधों से बाहर की ओर हाथ चलाएं. आप इसे 8 से 10 बार करें. आप अपना हाथ हौरीज़ोंटली रखते हुए नीचे की तरफ मूवमेंट्स करें.
अब पेट की मालिश के लिए कुछ और टिप्स आपको बताते हैं. सबसे पहले बच्चे की पसली के निचले हिस्से से शुरू करते हुए अपनी उंगलियों से पेट में सरक्युलर मूवमेंट्स में मालिश करें. उंगलियों को नाभि एरिया के चारों ओर क्लॉक वाइज़ डाइरेक्शन में घुमाएँ. आप अपने हाथ को अपने बच्चे के पेट पर हौरीज़ोंटली रखें और दोनों साइड्स में पीठ की तरफ ले जाते हुए मालिश करें. अगर बच्चे की प्लेसेन्टा अभी पूरी तरह सूखी नहीं है तो आपको पेट की मालिश नहीं करनी चाहिए.
बच्चे के पैरों पर जांघों से घुटने तक नीचे की ओर स्ट्रोक्स लगाते हुए मालिश करें. अब अपने बच्चे की जांघ को पकड़ें और अपने दोनों हाथों को रोटेट करते हुए यानि कि जांघ के चारों ओर गोल गोल मालिश करें (जैसे कपड़े को धोने के बाद निचोड़ा जाता है).
अब बच्चे के पैर को पकड़ें और अपने अंगूठे की मदद से बच्चे की एड़ी से पैर तक ऊपर की ओर हल्का प्रेशर डालें. पूरे पैर की मालिश के लिए अपने हाथ और अंगुलियों का प्रयोग करें और साथ ही आप उसके दोनों पैर के अंगूठे को धीरे से खींच भी सकती हैं. बच्चे के घुटनों के आसपास सरक्युलर मोशन में मालिश करें.
इस तरह आप ऊपर बताए गए तरीकों से अपने न्यूबोर्न की मालिश खुद कर सकती हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने नवजात के शरीर के किसी भी हिस्से पर अधिक दबाव न डालें.
अब आपको बच्चे की मालिश से जुड़े कुछ और टिप्स देंगे.
आपका शिशु बहुत नाजुक और कोमल है, इसलिए मालिश के दौरान ज्यादा दबाव या तेज स्ट्रोक न लगायें. साथ ही आप बच्चे के जेनेटल्स और कमर के आसपास भी मालिश करने से बचें.
कभी भी रोते हुए या चिड़चिड़े बच्चे की मालिश न करें. अगर ऐसा लगे कि किसी बौड़ी पार्ट की मालिश करने पर आपका बच्चा रोने लगता है या अनकम्फ़र्टेबल हो तो उस हिस्से को छोड़ दें. बच्चा अगर पैनिक या परेशान होने लगे तो भी मालिश करना तुरंत बंद कर दें.
मालिश के दौरान आप बच्चे को देखकर हँसती रहें और उससे बातें भी करती रहें. आप अपने बच्चे को गाना भी सुना सकती हैं. बच्चे अक्सर बातचीत करने से खुश होते हैं और माँ के साथ उनका बॉन्ड और गहरा होता है.
आप कोशिश करें कि बच्चे की मालिश का एक सेट समय बना दें और उस रूटीन का रोज़ पालन करें. शेड्यूल से बंधे रहने पर बच्चे को मालिश के रूटीन में आने में मदद मिलती है और इस तरह वह उस दौरान ज्यादा आरामदायक महसूस करता है.
मालिश पूरी होने के बाद बच्चे की हथेली और उंगलियों को अच्छी तरह से पोंछ दें क्योंकि बच्चे आमतौर पर अपनी उंगलियों को मुंह में डालते हैं. यही वजह है कि आपको मालिश के लिए ऐसा तेल या लोशन यूज़ करना चाहिए जो बच्चे के लिए सुरक्षित हो.
छोटे बच्चों की मालिश के कई फायदे हैं और इनमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपका और बच्चे का लगाव गहरा होने में मदद मिलती है.
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