Breastfeeding & Lactation
14 September 2023 को अपडेट किया गया
अक्सर यह कहा जाता हैं कि "अगर आप ब्रेस्टफ़ीड करा रही हैं तो आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकतीं." लेकिन असल में यह बस एक मिथक है! सच तो यह है कि आप स्तनपान कराते हुए भी गर्भवती (unexpected pregnancy while breastfeeding in Hindi) हो सकती हैं. हालाँकि, इसकी संभावना कम होती है, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि स्तनपान कराते हुए कोई माँ दोबारा गर्भवती नहीं होगी. आइये जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है.
किसी भी माँ की बच्चे को जन्म देने के लगभग 3 हफ्ते बाद किसी भी समय फिर से गर्भधारण करने की संभावना हो सकती है. भले ही वो उस समय ब्रेस्टफ़ीड करा रही हो और उसे अभी पीरियड्स शुरू न हुए हों. यह एक ग़लत धारणा है कि वह कम से कम एक पीरियड आने के बाद ही प्रेग्नेंसी होगी. असल में पीरियड्स दोबारा शुरू होने से पहले ही ओवरी में अंडे बनने लगते हैं इसीलिए डिलीवरी के बाद पहला मासिक आने से पहले भी प्रेग्नेंसी के चांसेज बने रहते हैं।
यदि आप अपने बच्चे को नियमित स्तनपान करा रही हैं, तो हो सकता है कि डिलीवरी के बाद कई महीनों तक आपको पीरियड्स (missed periods while breastfeeding in Hindi) ना हों. ऐसा इसलिए है क्योंकि जो प्रोलैक्टिन (Prolactin) हार्मोन दूध बनाने का काम करता है, वही आपके पीरियड्स को भी आने से रोकता है. यदि आप दिन-रात फ़ीड करा रही हैं, तो आपके पीरियड्स के शुरू होने में कम से कम एक साल तक का समय भी लग सकता है. यदि आप जल्दी ही बच्चे की ब्रेस्टफ़ीड बंद करा देती हैं तो डिलीवरी के कुछ समय बाद ही आपके पीरियड्स वापिस स्टार्ट हो जाएँगे.
आगे आपको बताएँगे की स्तनपान के दौरान प्रेग्नेंसी हो जाने पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं.
स्तनपान के दौरान गर्भ ठहर जाने पर जो लक्षण दिखाई देते हैं वो पोस्ट्पार्टम सिंटम्स से ज़्यादा अलग नहीं होते हैं और इसलिए इन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. आइये जानते हैं कि आप कैसे इन लक्षणों (pregnant while breastfeeding symptoms in Hindi ) की पहचान कर सकते हैं.
स्तनपान कराते समय अगर आपका ब्रेस्ट मिल्क कम होना शुरू हो जाए तो यह आपके प्रेग्नेंट होने का संकेत हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो आपको अपना प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए क्या करें?
स्तनपान कराते हुए माँ को अक्सर ब्रेस्ट और निप्पल में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है और ऐसा होना डिलीवरी के बाद नॉर्मल है. लेकिन यदि स्तनपान कराते हुए आपको ज़्यादा असुविधा और दर्द महसूस होने लगे तो यह प्रेग्नेंसी के लक्षण हो सकता है.
वैसे तो डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली माँ हमेशा थोड़ी थकान महसूस करती है लेकिन स्तनपान कराते समय प्रेग्नेंट हो जाने पर यह थकान कई गुना बढ़ जाती है जिससे आपके फिर से प्रेग्नेंट होने का अंदाज़ लग सकता है.
स्तनपान कराते हुए पीरियड्स का ना होना सामान्य बात है लेकिन स्तनपान कम करने या रोकने पर भी मासिक ना आये तो यह प्रेग्नेंसी का लक्षण हो सकता है.
इसे भी पढ़ें : सी सेक्शन डिलीवरी के बाद कैसे होते हैं पीरियड्स?
स्तनपान के दौरान प्रेग्नेंट होने पर पेट के आकार में भी बदलाव आना शुरू हो जाता है जो महिला की हाइट, वेट, शारीरिक स्थिति, बच्चे का आकार और अन्य कारणों के आधार पर पूरी गर्भावस्था के दौरान बदलता रहता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग माँ के प्रेग्नेंट होने पर उसे मॉर्निंग सिकनेस की शिकायत होने लगेगी जो ख़ासकर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान होती है. इससे भी आप प्रेग्नेंसी का अंदाज़ लगा सकती हैं.
प्रेग्नेंसी होने पर एक ख़ास तरह का भोजन करने की इच्छा होती है; जैसे कि कभी-कभी आपको चॉकलेट, केक या सेब जैसी सामान्य चीजों को खाने की इच्छा होती है लेकिन कभी-कभी ऐसी चीज़ें भी खाने का मन करता है जिन्हें आप आमतौर पर पसंद नहीं करते.
प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग्स होना एक आम बात है. इस तरह के इमोशनल उतार-चढ़ाव के कई कारण होते है; जैसे- थकान, तनाव, गर्भावस्था के कारण होने वाली शारीरिक असुविधा, जीवन में आने वाले बदलाव की चिंता और तेजी से बदलते हार्मोन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone).
स्तनपान कराते हुए बार-बार पेशाब आना प्रेग्नेंट होने का संकेत है और यह लक्षण प्रेग्नेंट होने के बाद पहले कुछ ही हफ्तों में ही दिखाई देना शुरू हो जाता है.
हालाँकि, स्तनपान कराते हुए आपके गर्भवती होने की संभावना केवल तभी कम होती है जब आप केवल स्तनपान करा रही हों. साथ ही, यह तरीका आपके बच्चे के जन्म के बाद केवल तीन महीनों तक ही कारगर है और इसके लिए आपको अपने बच्चे को दिन में कम से कम हर चार घंटे में और रात में हर छह घंटे में दूध पिलाना चाहिए.
सिर्फ ब्रेस्ट फ़ीडिंग, प्रेग्नेंसी रोकने का एकमात्र कंफर्म्ड़ तरीक़ा नहीं है और अगर आप स्तनपान कराते हुए प्रेग्नेंसी नहीं चाहतीं हैं तो डॉक्टर से सलाह से बर्थ कंट्रोल पिल या कांट्रेसेप्टिव इम्प्लांट जैसे ऑप्शन अपनाएँ.
अगर आप ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान प्रेग्नेंट हो भी जाएँ तो भी स्तनपान कराना पूरी तरह से सुरक्षित होता है. ऐसे में जहाँ आपकी बॉडी आपके जन्म ले चुके बच्चे को पोषण देने के लिए पर्याप्त दूध बनाती रहेगी, वही आपके अंदर पल रहे शिशु को भी आपके शरीर से सभी आवश्यक न्यूट्रिएंट्स मिलते रहेंगे.
स्तनपान कराते समय प्रेग्नेंट (can you get pregnant while breastfeeding in Hindi) होने पर लगभग पाँच महीने बाद आप के ब्रेस्ट मिल्क में कोलोस्ट्रम (Colostrum) आने लगेगा, जिससे दूध पीने वाले बच्चे की पोट्टी पतली हो सकती है. इसीलिए डॉक्टर की सलाह से उसे टॉप / फॉर्मूला फ़ीड देना शुरू कर देना चाहिए.
साथ ही, आपको अपना भी ध्यान अधिक रखना पड़ेगा क्योंकि प्रेग्नेंट होने के बाद आपको ब्रेस्ट और निप्पल में दर्द, मूड स्विंग्स, मॉर्निंग सिकनेस आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
कई लोगों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान स्तनपान कराना अजन्मे बच्चे के लिए नुकसानदायक है. हालाँकि, यदि आपकी प्रेग्नेंसी नॉर्मल है तो ब्रेस्टफीडिंग कराना सुरक्षित है और इसका आपके पहले बच्चे या अजन्मे बच्चे पर कोई ख़राब प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन ऐसे में आप को ख़ुद को स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखने के लिए हेल्दी कैलोरीज़ और बहुत सारे फ्लुइड्स लेने होंगे ताकि आपका एनर्जी लॉस न हो.
स्तनपान कराते हुए अगर आप प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो ये हो सकता है कि आपके दूध पीने वाले बच्चे को दूध के टेस्ट में कुछ अंतर महसूस हो; जैसे- दूध का स्वाद थोड़ा नमकीन हो सकता है, जिससे वह फ़ीड लेना छोड़ भी सकता है. साथ ही, आपको ब्रेस्ट और निप्पल में अधिक दर्द भी महसूस हो सकता है. असल में ब्रेस्टफ़ीड कराते हुए काफ़ी स्टेमिना खर्च होता है इसलिए ऐसे में आपको अपनी हेल्थ का सामान्य से अधिक ध्यान रखना पड़ेगा.
अधिकतर महिलाएँ ब्रेस्टफ़ीड कराते हुए सावधानी ना रखने के कारण प्रेग्नेंट हो जाती हैं. ऐसे में अगर वो आप इस प्रेग्नेंसी को नहीं रखना चाहती हैं, तो आपको इस पर सावधानी से विचार करना चाहिए. 3 महीने से कम उम्र की प्रेग्नेंसी को मेडिकल टेर्मिनेशन के द्वारा हटाया भी जा सकता है और इसमें आपको कोई समस्या नहीं होगी. ऐसे में इन्फेक्शन से बचने के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स दिये जाते हैं और इस दौरान कुछ दिन के लिए आपको ब्रेस्टफ़ीडिंग बंद रखनी होगी.
ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते हुए प्रेग्नेंसी हो जाना कोई समस्या नहीं है, लेकिन ये माँ की बॉडी पर एक्सट्रा लोड डालने जैसा है. जहाँ आपका पहला बच्चा अभी भी ब्रेस्ट फ़ीड पर निर्भर है. वही,ं आपके अंदर एक और शिशु के पलने से शरीर को उसके लिए पोषण की व्यवस्था करनी पड़ेगी. ऐसे में माँ को ख़ुद का बहुत अधिक ख़्याल रखना चाहिए ताकि डिलीवरी और उसके बाद वह दोनों बच्चों की देखभाल सही तरह से कर पाए.
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