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    Reasons for High Triglycerides in Hindi | हाई ट्राइग्लिसराइड से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा! इन फूड्स से करें तौबा

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    Reasons for High Triglycerides in Hindi | हाई ट्राइग्लिसराइड से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा! इन फूड्स से करें तौबा

    14 August 2023 को अपडेट किया गया

    एक स्वस्थ हृदय के लिए ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करने के अलावा एक और चीज भी है जिस पर आपको नजर रखनी चाहिए और वह है आपका ट्राइग्लिसराइड्स लेवल जिसके बढ्ने का सीधा संकेत हृदय संबंधी गड़बड़ियों से है. ट्राइग्लिसराइड्स लेवल आपके हार्ट की फिटनेस और हेल्थ को मापने का एक महत्वपूर्ण ज़रिया है. तो आइये सबसे पहले जानते हैं ट्राइग्लिसराइड्स का अर्थ.

    ट्राइग्लिसराइड्स क्या होते हैं? (What is triglycerides in Hindi)

    ट्राइग्लिसराइड्स एक तरह का फैट (लिपिड) है जो रक्त में पाया जाता है. कुछ भी खाने पर हमारा शरीर उन सभी एक्सट्रा कैलोरीज़ को तुरंत ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है, जिनकी शरीर को ज़रूरत नहीं होती. ये ट्राइग्लिसराइड्स हमारे फैट सेल में जमा होते जाते हैं और शरीर को ऊर्जा की जरूरत पड़ने पर हार्मोन्स इन ट्राइग्लिसराइड्स को रिलीज़ कर देते हैं. खानपान की गड़बड़ियों के कारण जब ज़रूरत से ज्यादा कैलोरीज़ शरीर में जाती हैं तो इस वजह से हाई ट्राइग्लिसराइड्स या हाइपरट्रिग्लिसराइडेमिया हो जाता है.

    अब आप जानना चाहेंगे कि ट्राइग्लिसराइड बढ़ने से क्या होता है? ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ जाने से हृदय रोग का रिस्क बढ़ जाता है. लेकिन सही भोजन और संतुलित लाइफ स्टाइल से ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल किया जा सकता है.

    आइये अब जानते हैं ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के कारण क्या होते हैं.

    इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो खाना शुरू कर दें ये आहार

    ट्राइग्लिसराइड्स क्यों बढ़ता है? (Reasons for high triglycerides in Hindi)

    ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के मुख्य कारणों में आनुवंशिकता, खान पान की गड़बड़ियाँ, तनाव और पर्याप्त नींद की कमी जैसे कारणों को जिम्मेदार माना जाता है. आइये इन कारणों को विस्तार से समझते हैं.

    कार्बोहाइड्रेट और चीनी

    असंतुलित आहार ट्राइग्लिसराइड के बढ्ने का सबसे बड़ा कारण है. हमारा शरीर अतिरिक्त कैलोरीज़ और चीनी को फैट के रूप में जमा होने से पहले ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है और इसलिए नियमित जंक फ़ूड खाने से हार्ट अटैक का खतरा 62% तक बढ़ जाता है.

    अल्कोहल

    अल्कोहल के सेवन से शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़, कार्बोहाइड्रेट और शुगर बढ़ता है, जिससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल हाई हो जाता है साथ ही LDL यानि कि बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है. इसके लिए शराब के सेवन में कमी या इसे पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए.

    आनुवांशिक कारण

    हाई ट्राइग्लिसराइड्स की बीमारी कई बार फॅमिली हिस्ट्री में भी होती है जिसे फैमिली हाइपरट्रिग्लिसराइडेमिया कहते हैं. इसे सही जीवन शैली, संतुलित आहार और दवा से कंट्रोल किया जा सकता है.

    दवाएँ

    कुछ खास दवाएँ जैसे कि इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स, एंटीवायरल, कार्डियोवस्कुलर और एंटीसाइकोटिक ड्रग्स भी ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को 5 से 200 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं.

    पूरी नींद ना ले पाना

    नींद की कमी से हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डाइबिटीज़ और मोटापा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं जो हाई ट्राइग्लिसराइड्स से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं.

    तनाव

    स्ट्रैस भी हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण है इसके अलावा स्ट्रैस के कारण व्यक्ति को शराब या अनहेल्दी कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा अधिक होती है जिससे ट्राइग्लिसराइड का लेवल बढ़ जाता है.

    अब आपको बताएँगे कि ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं.

    ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के आम लक्षण (Common high triglycerides symptoms in Hindi)

    अधिकतर लोगों को ब्लड टेस्ट से ही पता चलता है कि उनके ट्राइग्लिसराइड्स हाई हैं. लेकिन अगर हम अलर्ट रहें तो कई ऐसे संकेत हैं जिससे हमें ट्राइग्लिसराइड्स के बढ्ने का अंदाजा लग सकता है. जैसे कि

    पैंक्रियाटाइटिस

    हाई ट्राइग्लिसराइड्स होने से पैंक्रियाटाइटिस की समस्या हो सकती है जिसमें अचानक से तेज पेट दर्द, उल्टी, बुखार, दिल की धड़कन और साँस का तेज़ होना शामिल है.

    ज़ैंथोमास

    त्वचा के नीचे फैटी डिपाजिट जो पीले या नारंगी रंग के हो सकते हैं उन्हें ज़ैंथोमास कहा जाता है. ज़ैंथोमास बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल या हाई ट्राइग्लिसराइड्स का संकेत माने जाते हैं जो जोड़ों, हाथों, टखनों, पीठ और नितंबों पर दिखते हैं. ट्राइग्लिसराइड के घटने पर ये साफ़ हो जाते हैं.

    अन्य संकेत

    बहुत हाई ट्राइग्लिसराइड्स के कारण आपके लीवर या स्प्लीन में सूजन और दर्द भी हो सकता है. यह हार्ट या मस्तिष्क में ब्लड फ्लो को कम कर सकता है जिससे सीने में दर्द होने लगता है. मस्तिष्क में ब्लड की कमी से दिमाग सुन्न होना, चक्कर आना, नज़र का धुंधलापन या गंभीर सिरदर्द भी होता है.

    यदि आपका ट्राइग्लिसराइड्स लेवल हाई है तो आपको शराब और हाई कैलोरी वाले फूड आइटम्स से दूर रहना चाहिए. इनका परहेज ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के उपाय के तौर पर करना बेहद लाभकारी है. आइये जानते हैं कौन से हैं ऐसे फूड आइटम्स

    ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर इन फूड्स से करें परहेज़ (Foods to avoid in triglycerides in Hindi)

    प्रोसेस्ड और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ – मैदे से बने हुए फूड आइटम्स जिनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है इनसे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ सकता है. ऐसे फूड आइटम्स हैं व्हाइट ब्रेड, पास्ता, इंस्टेंट जंक फ़ूड, पिज़्ज़ा, पेस्ट्री, कुकीज़, केक आदि.

    सैचुरेटेड फैट्स - सैचुरेटेड फैट्स भी ट्राइग्लिसराइड को बढ़ाते हैं जो विशेष रूप से तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट, चिकन, अंडे की जर्दी, मक्खन और फास्ट फूड इत्यादि में पाये जाते हैं.

    अल्कोहल - शराब का सेवन भी ट्राइग्लिसराइड के लेवल को असामान्य रूप से बढ़ा सकता है.

    हाई कैलोरी वाले फूड आइटम्स - ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने के लिए आपको हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से भी पूरी तरह परहेज करना चाहिए.

    चीनी – चीनी, हाई ट्राइग्लिसराइड्स का एक बड़ा कारण है जिससे वजन बढ़ने के साथ ही डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए कैंडी, आइसक्रीम, मीठा दही, सॉफ्ट ड्रिंक्स, रिफाइंड अनाज जैसे मैदा, जैम और जेली आदि कम खाना चाहिए.

    अन्य ध्यान रखने योग्य बातें (Points to remember)

    हाई ट्राइग्लिसराइड को कंट्रोल करने के लिए खान पान में सुधार के साथ ही लाइफ स्टाइल में भी बदलाव लाना भी ज़रूरी है.

    सप्ताह में पांच बार लगभग 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज जैसे कि एरोबिक्स, जॉगिंग या साइकिल चलायें.

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    Written by

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