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    Symptoms of Blood Urea in Hindi | ब्लड में यूरिया बढ़ने से हो सकती है बार-बार घबराहट! जानें बचाव के तरीके़

    Health & Wellness

    Symptoms of Blood Urea in Hindi | ब्लड में यूरिया बढ़ने से हो सकती है बार-बार घबराहट! जानें बचाव के तरीके़

    22 September 2023 को अपडेट किया गया

    ब्लड यूरिया बढ़ने का मतलब है ब्लड में यूरिया की मात्रा का बढ़ जाना. अगर आपको लगातार कमजोरी और थकान की समस्या रहती है तो ऐसे में आपका ब्लड यूरिया बढ़ा हुआ हो सकता है.

    असल में हमारा लिवर कुछ ऐसे कैमिकल्स बनाता है जो नाइट्रोजन और अमोनिया को तोड़कर, यूरिया में बदल देते हैं और फिर किडनी इन्हें यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देती है. लेकिन किडनी की कमजोरी या किसी खराबी के कारण जब यह गंदगी खून में ही बढ़ती रहती है तो इससे ब्लड यूरिया बढ़ जाता है जिसे यूरीमिया कहा जाता है. ऐसा होने पर कई बाहरी लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

    आइए जानते हैं ब्लड में यूरिया बढ़ने के सामान्य लक्षणों के बारे में

    ब्लड यूरिया बढ़ने के लक्षण (Symptoms of Increased Blood Urea in Hindi)

    ब्लड में यूरिया की मात्रा बढ़ जाने पर शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और इसकी वजह से कई सारे बाहरी लक्षण उभरने लगते हैं जिनसे यूरेमिया की पहचान की जा सकती है. जैसे कि

    • थकान के साथ कमज़ोरी होना
    • ब्लड प्रेशर का घटना या बढ्ना
    • हार्ट प्रॉब्लम जैसे दिल की धड़कनों का घटना या बढ्ना
    • बार बार पेशाब जाने की इच्छा
    • उल्टी होना और भूख की कमी
    • दिमाग पर असर होने से भूलना और भ्रम की स्थिति बनना
    • साँस फूलना या फेफड़ों की परेशानी होना
    • मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब होना

    ब्लड में यूरिया बढ़ने पर किस तरह की समस्याएँ होती हैं? (Who is At Risk For Uremia in Hindi)

    सांसों से तेज़ बदबू का आना (Bad Breath)- जब शरीर में यूरिया की मात्रा बहुत बढ़ जाती है तो इसका सबसे तीव्र लक्षण है साँसों से यूरिन जैसी गंध का आना. इसे मेडिकल भाषा में यूरेमिक फीटर कहा जाता है. क्योंकि, पेशाब में यूरिया की मात्रा के कारण एक अजीब सी महक आती है और इसलिए जब ब्लड में यूरिया बढ़ जाता है तो साँसों से भी पेशाब जैसी तेज़ बदबू आने लगती है.

    वजन का तेज़ी से घटना (Rapid Weight Loss) - शरीर में यूरिया के कारण गंदगी बढ़ने के दो कारण होते हैं. या तो किडनी काफी खराब हो चुकी हैं या फिर लिवर इसका बहुत ज्यादा उत्पादन कर रहा है. ऐसी स्थिति में मरीज़ की मसल्स सूखने लगती हैं और वेट बहुत तेजी से घटने लगता है जिससे वह काफी कमजोर हो जाता है.

    चक्कर आना या दौरे पड़ना (Dizziness Or Fits)- किडनी के ठीक से काम नहीं कर पाने के कारण ब्लड में यूरिया का लेवल बढ़ने पर इसका सीधा असर ब्रेन पर पड़ता है. टॉक्सिन्स अगर अधिक मात्रा में ब्रेन तक पहुंचते हैं तो ब्रेन शिथिल हो जाता है और ठीक से सिग्नल नहीं दे पाता. इस कारण कई बार दौरे तक पड़ने लगते हैं.

    अब आपको बताएँगे कि ब्लड में यूरिया के लेवल को बढ्ने से रोकने के लिए क्या करना चाहिए. कुछ सावधानियों और लाइफस्टाइल में बदलाव से आप आसानी से यूरेमिया पर कंट्रोल पा सकते हैं. साथ ही ब्लड यूरिया को कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक तरीके़ भी आप अपना सकती हैं.

    इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में घबराहट: लक्षण, कारण और उपचार

    ब्लड में यूरिया के स्तर को कैसे कंट्रोल करें? (How to Control Blood Urea in Hindi)

    • ब्लड यूरिया को हमेशा कंट्रोल में रखने के लिए स्वस्थ और संतुलित भोजन करें.
    • रोजाना कम से कम 40 मिनट एक्सरसाइज करें.
    • खूब पानी पियें क्योंकि यह किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे सरल तरीका है.
    • खास तौर पर हल्के गर्म पानी का सेवन करने से किडनी को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद मिलती है.
    • अपने भोजन में सोडियम या नमक का सेवन कंट्रोल में रखें इसके लिए जंक और पैकेज्ड फूड से भी परहेज करें.
    • टेबल साल्ट का प्रयोग करने से बचें.
    • कम नमक वाला भोजन किडनी के काम को आसान बनाता है और हाई बी पी से सबंधित प्रॉबलम्स को नियंत्रित करता है.
    • नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जाँच कराएँ.
    • कम से कम 5 दिन 45 मिनट के लिए जॉगिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग या रैकेट जैसे खेल खेलें.
    • भोजन के बाद टहलने या सुबह-शाम हल्की-फुल्की कसरत के द्वारा एक स्वस्थ लाइफस्टाइल बनाए रखें.
    • लो सोडियम और पोटेशियम वाली हेल्दी डाइट लेना सबसे अच्छा है.
    • यूरीमिया से पीड़ित होने पर पोटेशियम, फॉस्फेट, सोडियम और प्रोटीन के सेवन के बारे में अलर्ट रहना ज़रूरी है.

    ​​इसके अलावा भारतीय परंपरागत औषधियों में भी ब्लड यूरिया को कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक तरीके़ बताए गए हैं.ऐसी ही कुछ ऐसे जड़ी बूटियाँ हैं.

    पुनर्नवा (Punarnava)

    पना और नवा जिसका मतलब है फिर से और नया. इससे मिलकर बने इस शब्द का अर्थ है ऐसी औषधि जिससे किसी भी अंग को नए सिरे से काम करने में मदद मिलती है. बिना किसी दुष्प्रभाव के सूजन को कम करने वाली यह जड़ी-बूटी किडनी से एक्सट्रा फ़्लुइड को बाहर निकालने में मदद करती है.

    वरुण (Varun)

    इस दवा का उपयोग पथरी के अलावा यूरीनरी ट्रैक के संक्रमण को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा यह किडनी की सूजन और एक्सट्रा फ़्लुइड के बनने को भी कम करती है.

    गोकशुर (Gokshur)

    यह मूत्र बढ़ाने वाली औषधि है जो कमजोर किडनी की कोशिकाओं को ताकत देने और उन्हें फिर से मजबूत बनाने के काम आती है. आमतौर पर इसका उपयोग एक हर्बल टॉनिक के रूप में किया जाता है.

    तो ये थे ब्लड यूरिया बढ्ने पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ और इसे कंट्रोल करने के उपाय.अगर आप को डाइबिटीज़ है तो यूरेमिया की स्थिति को लेकर अधिक सावधान रहें क्योंकि शुगर के रोगियों में किडनी की समस्याओं का खतरा सामान्य से थोड़ा अधिक होता है.

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    Written by

    kavita upraity

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