प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है, जिसकी मदद से वह खुद का और अपने नवजात शिशु का भी अच्छे से ध्यान रख पाती हैं. साल 2010 में इसे इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना के रूप में शुरू किया गया था. फिर साल 2014 में भाजपा सरकार ने इसका नाम बदलकर मातृ सहज योजना रख दिया. लेकिन, साल 2017 में इस योजना के नाम में बदलाव करके इसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के नाम से पूरे देश में लागू किया गया. बता दें, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस योजना को संचालित किया जाता है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य
- गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को काम ना कर, आराम करने के लिए प्रेरित करना, इसके अलावा, स्वस्थ रहने और अपने व अपने शिशु के पोषण का पूरा ध्यान रखने के लिए आर्थिक मदद करना
- जच्चा-बच्चा देखभाल को बढ़ावा देना
पीएमएमवीवाई का लाभ कौन लें सकता है?
- सभी गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माँएं
- इस योजना का लाभ लेने के लिए ज़रूरी है कि महिला की उम्र 19 वर्ष से कम ना हो
- सरकारी कर्मचारी या किसी अन्य कानून से फ़ायदा ले रही निजी कंपनी की कर्मचारी या फिर पहले सभी किश्तों का लाभ ले चुकी महिला; इस योजना के तहत मिल रहे लाभ का फ़ायदा नहीं ले सकती हैं
पीएमएमवीवाई से होने वाले लाभ
इस योजना के तहत 6,000 रुपये की मदद राशि को तीन किश्तों में बाँटा गया है-
- पहली किश्त 1000 रुपये की होती है, जो गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण करवाने पर मिलती है.
- दूसरी किश्त 2000 रुपये की होती है, जो गर्भधारण के छह माह के बाद और डिलीवरी के पहले दी जाती है.
- तीसरी किश्त शिशु के जन्म, उसके पंजीकरण और प्रथम चक्र में लगने वाले टीकाकरण के पूरा होने पर मिलती है.
- शेष 1,000 रूपये की नकद राशि आपको प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत मिलेगी.
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी ना होने पर पहचान प्रमाण की कॉपी
- गर्भवती महिला और उसके पति द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ एक सहमति पत्र
- आवेदन फॉर्म 1 A
- पीचएसी या सरकारी अस्पताल से जारी एमसीपी कार्ड की कॉपी
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑफ़लाइन कैसे अप्लाई करें?
- इस योजना का लाभ लेने वाली योग्य महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. ध्यान रखें रजिस्ट्रेशन अंतिम मासिक धर्म के 150 दिनों के भीतर करवा लेना चाहिए.
- रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आवेदन फ़ार्म आंगनवाड़ी केंद्र, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या महिला और बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन करवाते हुए आवेदन की रसीद ज़रूर लेनी चाहिए.
- गर्भावस्था के छह महीने के बाद, इस योजना की दूसरी किश्त लेने के लिए क्लेम फॉर्म 1 B को आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जमा करायें. इस क्लेम फॉर्म के साथ आपको एमसीपी कार्ड की एक कॉपी के साथ प्रसवपूर्व जाँच की कम से कम एक कॉपी और 1 A फॉर्म की कॉपी जमा करनी होगी. बता दें, गर्भावस्था के 180 दिनों के बाद ही दूसरी किश्त का क्लेम किया जा सकता है.
- तीसरी किश्त के लिए, आपको शिशु का जन्म रजिस्ट्रेशन, आईडी प्रूफ और एमसीपी कार्ड की एक कॉपी के साथ विधिवत भरा हुआ फॉर्म जमा करवाना ज़रूरी होता है. सिर्फ़ इतना ही नहीं, लाभार्थी को एक्नॉलेजमेंट स्लिप फॉर्म 1 A और फॉर्म 1 B की एक कॉपी को भी दिखाना बेहद आवश्यक होता है. अगर लाभार्थी जम्मू-कश्मीर असम व मेघालय का नहीं है तो उसे आधार कार्ड की एक कॉपी भी जमा करवानी पड़ती है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन कैसे अप्लाई करें?
- सबसे पहले इस वेबसाइट पर जायें Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana फिर योजना सुविधा के लॉग इन जानकारी का इस्तेमाल कर पीएमएमवीवाई सॉफ्टवेयर में लॉग-इन करें.
- इसके बाद, 1 A फॉर्म में पूछी गई सारी जानकारी भरकर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए नए लाभार्थी टैब पर क्लिक करें. फॉर्म भरते हुए आपको PMMVY CAS यूजर मैनुअल में दिए हुए सभी निर्देशों का पालन करना होगा.
- गर्भधारण के छह माह बाद, फिर से PMMVY CAS सॉफ्टवेयर में लॉग इन करें और दूसरी किश्त टैब पर क्लिक करें और 1 B फॉर्म भरने के लिए यूज़र मैनुअल में दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें.
- तीसरी किश्त के लिए, शिशु के जन्म के पंजीकरण और प्रथम चक्र में लगने वाले टीकाकरण के पूरा होने के बाद; फिर से PMMVY CAS सॉफ्टवेयर में लॉग इन करें और तीसरी किश्त टैब पर क्लिक करें और 1 C फॉर्म भरें.
गर्भपात या स्टिल बर्थ के मामले में क्या होगा ?
- इस मामले में अगर लाभार्थी पहली किश्त का लाभ ले लेती है और फिर उसका गर्भपात हो जाता है, तो वह भविष्य में जब भी गर्भवती होगी तो वह सिर्फ़ दूसरी और तीसरी किश्त का ही लाभ उठा पाएगी.
शिशु मृत्यु दर के मामले में क्या होगा ?
- अगर लाभार्थी को पहले से ही इस योजना के तहत मिलने वाली सभी किश्तें मिल चुकी हैं; तो वह शिशु मृत्यु दर के मामले में योजना के तहत मिलने वाली मदद राशि का क्लेम करने के लिए योग्य नहीं होगा.
नोट : इस योजना से संबंधी अगर आप किसी भी तरह की शिकायत करना चाहते हैं या अगर आपको अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंन्द्र खोजने में व अन्य किसी सहायता और योजना के बारें में अधिक जानकारी चाहिए तो आप पीएमएमवीवाई हेल्पलाइन नं. : 011-23382393 पर कॉल करें.