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18 September 2023 को अपडेट किया गया
आज के समय में कई कपल्स फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हालाँकि, इसके पीछे हार्मोन्स में असंतुलन, तनाव और खराब लाइफस्टाइल जैसे कई फैक्टर भी हो सकते हैं. फर्टिलिटी से संबधित समस्याओं को दूर करने के लिए कपल्स कई तरह के ट्रीटमेंट अपनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, इन समस्याओं का समाधान आयुर्वेद में भी छुपा हुआ है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे टॉप 5 हर्ब्स के बारे में बताएँगे, जो महिलाओं की फर्टिलिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं.
महिलाओं की फर्टिलिटी को बूस्ट करने के तरीक़े जानने से पहले हमें यह जानना चाहिए कि आख़िर फर्टिलिटी क्षमता या प्रजनन क्षमता क्या होती है और यह कैसे काम करती है. महिलाओं की प्रजनन क्षमता का अर्थ उस क्षमता से है, जिससे वह एक बच्चे को जन्म देती है. हर माह होने वाले पीरियड्स इसी क्षमता का एक संकेत है. पीरियड्स के पहले दिन से लेकर अगले पीरियड्स के पहले दिन तक के चक्र को मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) कहा जाता है. औसत मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है, लेकिन यह 21 से 35 दिनों तक का भी हो सकता है. इस चक्र के दौरान ओवरी से एग रिलीज़ होता है, जो फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में जाता है. अगर इस दौरान इस एग को स्पर्म फर्टिलाइज़ कर देता है, तो गर्भाशय में इम्प्लांटेशन की प्रोसेस यानी कि एक भ्रूण (बेबी) के जन्म की प्रोसेस शुरू हो जाती है.
महिलाओं की फर्टिलिटी को कई फैक्टर प्रभावित करते हैं. इसमें उम्र, वज़न, तनाव और अन्य मेडिकल कंडीशन शामिल हैं. अब ऐसे में सवाल उठाता है कि महिलाओं की फर्टिलिटी क्षमता को कैसे बढ़ाएँ? (How to increase fertility in women in Hindi). तो आपको बता दें कि आयुर्वेद में ऐसे कुछ हर्ब्स हैं, जो महिलाओं की फर्टिलिटी में नेचुरल तरीक़े से सुधार करते हैं.
अश्वगंधा को विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) के नाम से भी जाना जाता है. इसे फर्टिलिटी को बूस्ट करने के लिए बहुत इफेक्टिव माना जाता है. दरअसल, यह एंडोक्राइन तंत्र को मज़बूत करता है, जिससे एड्रेनल और थायराइड ग्लैंड कंट्रोल में रहते हैं. ये ग्रंथियाँ फर्टिलिटी हार्मोंस को संतुलित रखने में मदद करती हैं. इसके साथ ही, अश्वगंधा ओवरी, गर्भाशय और इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फर्टिलिटी में नेचुरल तरीक़े से सुधार करते हैं.
शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में इसे एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) नाम से जाना जाता है. शतावरी सौ से अधिक बीमारियों का इलाज कर सकती है, जिसमें फर्टिलिटी से संबंधित समस्या का भी इलाज शामिल है. यह हार्मोन्स को संतुलित करने, फर्टिलिटी में सुधार करने, ब्रेस्टमिल्क और स्टेमिना को बढ़ाने और सेक्शुअल हेल्थ में सुधार करने के काम आती है. इतना ही नहीं, एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होने के कारण यह तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी राहत देती है.
हो सकता है कि आपने लोधरा या लोध्रा का नाम इससे पहले न सुना हो! इस कारण आप इसके फ़ायदों से भी अनजान हो. लोधरा को सिम्प्लोकोस रेसमोसा के नाम से भी जाना जाता है. लोधरा स्त्री रोग से संबंधित समस्याओं पर रामबाण की तरह काम करती है. लोधरा में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो हार्मोन को संतुलित करने और फर्टिलिटी में सुधार करने में मदद करते हैं.
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यष्टिमधु को लीकोरिस रूट और मुलेठी नाम से भी जाना जाता है. यह आयुर्वेदिक औषधि आमतौर पर पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं के इलाज करने के काम आती है. लेकिन यह फर्टिलिटी क्षमता में सुधार भी करती है.
चेस्टबेरी को विटेक्स एग्नस-कास्टस (Vitex agnus-castu) भी कहा जाता है. आमतौर पर इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग मासिक धर्म और हार्मोन्स से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है. साथ ही, यह तनाव को कम करने और फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं को दूर करने के काम भी ती है.
तो ये थे वे आयुर्वेदिक औषधियाँ जो महिलाओं की फर्टिलिटी में नेचुरल तरीक़े से सुधार करती है और उन्हें गर्भधारण करने में मदद करती है. हालाँकि, इनमें से किसी भी औषधि का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें!
प्रो टिप (Pro Tip)
हमारे आयुर्वेद में सर्दी-खाँसी से लेकर हर बड़ी से बड़ी बीमारी और समस्या का इलाज छुपा हुआ है. इसलिए अगर आप किसी भी मेडिकल कंडीशन से गुजर रहे हैं, तो एक बार आयुर्वेदिक तरीक़ों पर ज़रूर विचार करें.
रेफरेंस
1. Agarwal A, Allan JJ. (2010) Antifertility effects of herbs: Need for responsible reporting.
2. Akbaribazm M, Goodarzi N, Rahimi M. (2021). Female infertility and herbal medicine: An overview of the new findings.
3. Nasimi Doost Azgomi R, Zomorrodi A, Nazemyieh H, Fazljou SMB, et al. (2018). Effects of Withania somnifera on Reproductive System: A Systematic Review of the Available Evidence.
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Written by
Priyanka Verma
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