Conception
12 December 2022 को अपडेट किया गया
गर्भ न धारण कर पाने के अनेकों कारण हो सकते हैं. अगर ऊसरता या इन्फर्टीलिटी का कारण पुरुष पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं यह समस्या पुरुष में आवश्यकता से कम शुक्राणुओं के निर्माण से जुड़ी है. वहीं दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि पुरुष में शुक्राणु पर्याप्त मात्रा में निर्मित तो होते हैं, लेकिन वे महिला के अंडाणुओं तक पहुंच नहीं पाते हैं.
महिला में स्त्रीबीजजनन चक्र में गड़बड़ी भी ऊसरता की बहुत बड़ी वजह होती है. इस गड़बड़ी के कारण महिला के भीतर आवश्यक अण्डों का निर्माण नहीं होता या फिर अण्डों के निर्माण प्रक्रिया में भी गड़बड़ी हो सकती है. वे महिलाएं जो थाईरॉइड की समस्या से गुज़र चुकी होती हैं, उनमे स्त्रीबीजजनन प्रक्रिया बाधित हो जाती है और उनका गर्भ धारण करना ज़रा कठिन हो जाता है.
गर्भधारण न कर पाने की समस्या, गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब से भी जुडी हो सकती है. इन जगहों पर किसी भी प्रकार से हुई हानि के कारण गर्भाधान करना मुश्किल हो जाता है. बिना चिकित्सक की सलाह से प्रयोग की गई कुछ औषधियों के कारण भी पुरुष और महिला के शरीर पर प्रतिकूल असर हो सकता है, और जिससे उनमे जननक्षमता क्षीण हो सकती है. मदिरा के सेवन से भी गर्भ धारण के संयोग कम हो जाते हैं.
महिला की उम्र भी गर्भ न धारण करने की बहुत बड़ी वजह बन सकती है. ऐसा माना जाता है कि 30 वर्ष की उम्र पार करने के बाद, औरत में गर्भ धारण करने के संयोग कम या ना के बराबर हो जाते हैं. और यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है अगर वो 35 वर्ष की उम्र पार कर लेती है. इनमे से अधिकतर महिलाएं गर्भ धारण करने के वैकल्पिक तरीकों की सहायता लेती हैं. कभी कभार पुरुष और महिला में ऊसरता के उचित कारण निर्धारित करना कठिन होता है. ऐसे मामलों में उन्हें प्रयास ज़ारी रखने की सलाह दी जाती है, और साथ में उन्हें इन विट्रो निषेचन की सलाह भी दी जाती है (इस प्रक्रिया के द्वारा अंडे को अंडाशय से हटाकर प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और निषेचित अंडे को महिला के गर्भ में रखा जाता है). ऐसा भी कई बार होता है कि तनाव और गलत खान पान के कारण भी उपजाऊपन पर विपरीत असर पड़ता है, तो पुरुष और महिला के लिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि वे अपनी जीवन शैली का विश्लेषण करें और अगर ज़रुरत हो तो उसमे उचित बदलाव लाएं.
कुछ खाद्य पदार्थ गर्भधारण के लिए वर्जित होते हैं. अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो उन खाद्य पदार्थों को कुछ महीनो के लिए त्यागना पड़ेगा जैसे कच्चा पपीता इत्यादि.
गर्भधारण करने के लिए सही समय पर सहवास किया जाना भी जरुरी होता है. जिस चक्र में (यानि ओभूलेष्ण यानि डिंबोत्सर्जन के समय में) गर्भ धारण के लिए सहवास जरुरी होता है अगर उस समय आपने सहवास नहीं किया तो आपके गर्भवती होने के चांसेस न के बराबर हो जाते हैं. इसलिए अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो उन दिनों सहवास करना न भूलें जिन दिनों आपके गर्भवती होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं.
अगर आप डिप्रेशन यानि अवसाद की दवाइयां लेती हैं तो भी आपको गर्भधारण में अड़चन आ सकती है. इसलिए अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो अपने चिकित्सक से मिलकर यह बात बताएं.
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Written by
Sanju Rathi
A Postgraduate in English Literature and a professional diploma holder in Interior Design and Display, Sanju started her career as English TGT. Always interested in writing, shetook to freelance writing to pursue her passion side by side. As a content specialist, She is actively producing and providing content in every possible niche.
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