Pregnancy Journey
10 October 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम के सामान्य एक मुक़ाबले धीमा पड़ जाने के कारण छोटी -मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का होना नॉर्मल है; जैसे- सर्दी जुखाम, खाँसी या हल्का बुखार. कई बार मौसम में बदलाव या किसी पुरानी हेल्थ प्रॉब्लम की वजह से भी तबियत खराब हो जाती है और ऐसे में मेडिसिन लेने की ज़रूरत महसूस होती है. ऐसे में होने वाली माँ इस दुविधा में पड़ जाती है कि वह दवा ले या न ले. जहाँ अधिकतर माँओं को इस बात का डर होता है कि डॉक्टर से बिना पूछे दवा लेने का बुरा प्रभाव उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है, वहीं बहुत-सी महिलाएँ बिना ज़्यादा सोचे और डॉक्टरी सलाह के अपनी रेगुलर मेडिसिन लेती रहती हैं लेकिन ऐसा करना बच्चे के लिए वाकई खतरनाक साबित हो सकता है. आइये जानते हैं इस बारे में डॉक्टर्स का क्या कहना है!
डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी में कुछ मेडिसिन को सेफ मानते हैं, लेकिन फिर भी आपके होने वाले बच्चे पर उनका क्या प्रभाव होगा यह कहना मुश्किल है. इस बारे में पहला रूल ये है कि, प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में ली जाने वाली मेडिसिन का गर्भ में पल रहे बच्चे पर सबसे अधिक ख़राब प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए अगर आप प्रेग्नेंट होने से पहले से ही कोई रेगुलर मेडिसिन ले रही हैं तो प्रेग्नेंसी कंफर्म होते ही तुरंत अपने डॉक्टर को इस बारे में बतायें और उनकी सलाह पर ही आगे उसे जारी रखें.
दूसरा रूल ये है कि पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी OTC मेडिसिन नहीं लेनी चाहिए. ओटीसी (Over the counter - OTC) मेडिसिन वो होती हैं जिन्हें आप बिना प्रिस्क्रिप्शन के भी सीधे मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं; जैसे- पेन किलर, एलर्जी या माइग्रेन आदि की दवाईयाँ. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी में किसी भी मेडिसिन को 100% सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.
कभी-कभी, माँ और उसके बच्चे की भलाई के लिए किसी मेडिसिन का ना लेना ज़्यादा अच्छा है बजाय इसके कि आप उस दवा का सेवन करें. हालाँकि ऐसी भी बहुत सी मेडिसिन हैं (Pregnancy medicine list in Hindi) जो प्रेग्नेंसी में बेहद कम या ना के बराबर नुकसान पहुँचाती हैं; जैसे कि प्रीनेटल विटामिन्स.
किसी महिला के प्रेग्नेंट होने पर उसके लिए प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamins) सबसे सुरक्षित और ज़रूरी होते हैं. लेकिन अगर आप कोई दूसरे विटामिन, हर्बल मेडिसिन या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो उसके लिए डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि प्रेग्नेंसी में ज़्यादातर हर्बल मेडिसिन और सप्लीमेंट्स को सेफ नहीं माना जाता है.
ऐसी ही कुछ अन्य मेडिसिन और घरेलू उपचारों का प्रेग्नेंसी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन उन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें और उनके बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही उनका सेवन करें; जैसे कि-
एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) Acetaminophen (Tylenol) और Saline Nasal Drops या Spray का प्रयोग ख़ासतौर पर पहली ट्राइमेस्टर में केवल अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें.
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क़ब्ज़ की शिकायत होने पर कोलेस (Colace), मेटाम्यूकिल (Metamucil) मेडिसिन को लिया जा सकता है.
डिपेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रील) Diphenhydramine (Benadryl), लोराटैडाइन (क्लेरिटिन) Loratadine (Claritin), स्टेरॉयड नेसल स्प्रे (Rhinocort).
ये सभी दवाएँ अपेक्षाकृत कम नुकसानदायक हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए.
बेनाड्रिल क्रीम (Benadryl Cream), कैलाड्रिल (caladryl) लोशन या क्रीम, हाइड्रोकार्टिसोन (hydrocortisone) क्रीम, ओटमील बाथ (Aveeno).
फर्स्ट ऐड ऑइंटमेंट (First aid ointment)
बेसीट्रासिन (Bacitracin), नेओस्पोरिन (Neosporin), पोलिस्पोरिन (Polysporin).
अपने और अपने बच्चे की सेफ़्टी के लिए हमेशा याद रखें कि प्रेग्नेंसी में किसी भी मेडिसिन को 100% सेफ नहीं माना जा सकता है इसलिए वो मेडिसिन जो कम नुकसानदायक हैं या अपेक्षाकृत सेफ हैं उनका इस्तेमाल में तभी करें जब बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो और प्रयोग से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.
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इस केटेगिरी में अधिकतर दवाएँ आती हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती हैं. कभी-कभी तो यह अबॉर्शन या स्टिलबर्थ तक का कारण बन जाती हैं. प्रेग्नेंट महिलाओं को नीचे दी गयी लिस्ट (Pregnancy medicine list in Hindi) में बताई गयी दवाओं से पूरी तरह बचना चाहिए.
यह मेडिसिन मामूली दर्द और बुखार से राहत के लिए ली जाती है. इसे सूजन घटाने (anti-inflammatory) और ब्लड को पतला (blood thinner) करने के लिए भी दिया जाता है. डॉक्टर की सलाह के बिना इसे बिल्कुल ना लें.
आइबुप्रोफेन का उपयोग अलग-अलग प्रॉब्लम्स; जैसे- सिरदर्द, दाँत दर्द, मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स (menstrual cramps), मसल पेन और अर्थराइटिस (arthritis) के दर्द को दूर करने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा इसे बुखार और नॉर्मल सर्दी या फ्लू के कारण होने वाले हल्के दर्द को दूर करने के लिए भी लिया जाता है. इस OTC मेडिसिन को बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल ना लें.
यह मेडिसिन कई नामों से बिकती है और रेटिनोइड्स (retinoid) के नाम से जानी जाने वाली दवा के ग्रुप में आती है. यह मेडिसिन स्किन की तैलीयता या सीबम (sebum) के प्रोडक्शन को कम करने का काम करती है. सीबम ज़्यादा बनने से चेहरे पर मुँहासे होने लगते हैं और ऐसे में महिलाएँ इसका यूज़ मुँहासों की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए करती हैं. प्रेग्नेंट होने के बाद इसे लगाना सुरक्षित नहीं है और इसके प्रयोग के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
इस मेडिसिन का उपयोग एक ख़ास तरह की स्किन प्रॉब्लम के इलाज या उसे रोकने के लिए किया जाता है, जिसे कोढ़ या कुष्ठ रोग (Leprosy) के नाम से जाना जाता है. साथ ही, इसे मल्टीपल मायलोमा (multiple myeloma) नाम के कैंसर के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है. अगर किसी महिला को इस तरह की प्रॉब्लम है और वह पहले से ही यह मेडिसिन ले रही है तो प्रेग्नेंसी का पता चलने पर इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें और अपने डॉक्टर से सलाह लें.
यदि कोई महिला रेगुलर तरीक़े से हर्ब्स, मिनरल्स या विटामिन ले रही हो तो प्रेग्नेंसी का पता चलने पर उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए. इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है. आगे इसके प्रयोग को चालू रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें.
प्रेग्नेंसी एक बेहद सेंसिटिव समय है इसीलिए इस दौरान मेडिसिन को लेकर ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. अगर आपको पहले से ही कोई हेल्थ प्रॉब्लम है तो प्रेग्नेंट होने पर वो और ज़्यादा बढ़ सकती है. ऐसे में बेस्ट और सेफ यही है कि, किसी भी मेडिसिन को शुरू या बंद करने या बदलने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें. लेकिन बहुत ज़्यादा इमरजेंसी होने या फिर अचानक जरूरत पड़ने पर ऐसी कई मेडिसिन हैं जिनका उपयोग निर्धारित खुराक के अंदर डॉक्टर से पूछकर किया जा सकता है और इनमें कुछ OTC मेडिसिन भी हैं. हालाँकि ज़्यादातर डॉक्टर पूरी तरह से दवाओं के सेवन से बचने की सलाह देते हैं क्योंकि ये ब्लड के माध्यम से बच्चे तक पहुँच कर उसे नुकसान पहुँचा सकती हैं.
प्रेग्नेंसी में बेहतर यही होगा कि आप अपने डॉक्टर को अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताएँ. इसके अलावा जो भी मेडिसिन आप रेगुलर लेती हैं उसके बारे में भी जानकारी दें. अचानक होने वाले बुखार, पेट दर्द या किसी भी तरह की इमरजेंसी सिचुएशन के लिए पहले से ही तैयार रहें और डॉक्टर से पूछ कर उस समस्या से सम्बंधित मेडिसिन को अपने पास स्टोर करें.
1. Thorpe PG, Gilboa SM, Hernandez-Diaz S,et al Honein MA; National Birth Defects Prevention Study. (2013) Medications in the first trimester of pregnancy: most common exposures and critical gaps in understanding fetal risk.
2. Leek JC, Arif H. (2023). Pregnancy Medications.
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