Yoga
12 December 2022 को अपडेट किया गया
अगर आप चाहते हैं कि आप और आपका बच्चा दोनों स्वस्थ रहें तो आपको रोज़ाना नियमित रूप से अपने बच्चे के साथ योगा करना चाहिए. योगा करने से आपका केवल तन और मन ही स्वस्थ नहीं रहेगा बल्कि इससे आपके बच्चे का विकास भी अच्छा होगा. बता दें, योग करने से बच्चे के अंदर आत्मविशवास बढ़ता है और उनका तनाव भी दूर होता है. इसके अलावा, उसको बीमार करने वाले टॉक्सिन उसके शरीर से बाहर निकलते हैं और इससे बच्चे के रक्त प्रवाह के साथ इम्यून सिस्टम भी बेहतर बनता है. परंतु, बच्चे सभी तरह के योगासन नहीं कर पाते है, क्योंकि उनका शरीर और अंग अभी विकसित हो रहे होते हैं और कठिन योग करने से उसके अंगों को नुकसान भी हो सकता है. ऐसे इस लेख में नीचे कुछ ऐसे योगासन बतायें गये है, जो आप अपने बच्चे के साथ आसानी से कर सकते है.
कैट काउ पोज़ - इस आसन के करने से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा होता है और इससे वह मज़बूत बनती है. इस योगासन को करने के लिये सबसे पहले हाथ और पैरों के सहारे किसी बिल्ली जैसी स्थिति में आ जाएं. कोउ पोज़ में अपने सिर को थोड़ा ऊपर को उठाएं और छाती व पेट को नीचे की ओर झुका लें. अब सांस को भीतर भरें और रीड़ को ऊपर की तरफ़ उठायें और सांस को धीरे से छोड़ते हुए उसे नीचे लाएं.
त्रिकोणासन - इस आसन के करने से कमर व पैरों की सही एक्सरासइज व स्ट्रेचिंग होती है. इसमें सबसे पहले अपने पैरों को खोल कर खड़े हो जाएं. फिर अपने दाहिने पैर के अंगूठे को थोड़ा सा बाहर निकालें व बाएं पैर के अंगुठू को थोड़ा अंदर करें. अब एक तरफ को झुकें और अपने सीधे हाथ को दाएं पैर की पिंडली से लगा दें और बाएं हाथ को ऊपर सीधा कर लें. अब इसी क्रिया को दूसरी तरफ़ भी दोहरायें.
हेप्पी बेबी पोज़ - ये दिमाग और शरीर को शांत करते हुए तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा, इससे हड्डियों के जोड़ों के साथ रीढ़ की हड्डी में भी लचक पैदा होती है और वो मजबूत बनते है. इसे करने के लिये सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर दोनों हाथों और पारों को छत की और उठाएं और हाथों से पैरों को पकड़ लें. थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं.
तितली आसन - इससे पेल्विक एरिया की अच्छी एक्सरसाइज होती है. इस आसन को करने के लिये सबसे पहले पालती मारकर बैठ जाएं और फिर दोनों तलवों को एक दूसरे से सटा लें. अब सांस को आराम से भीतर-बाहर करते हुए अपने घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर नीचे करें.
ट्री पोज़ - ट्री पोज़ जांघों, पिण्डली, पैर और टखनों में खिंचाव लाता है और हुए शरीर का संतुलन बेहतर बनाने में मदद करता है. साथ ही इसके अभ्यास से बच्चे में एकाग्रता भी विकसित होती है. इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और फिर अपने बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर के घुटने के भीतर की तरफ लगा लें और फिर हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें. थोड़ी देर तक इस स्थिति में रहने के बाद दोबार सामान्य स्थिति में आ जाएं.
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Written by
Charu Pratap
Charu has been a seasoned corporate professional with over a decade of experience in Human Resource Management. She has managed the HR function for start-ups as well as established companies. But aside from her corporate career she was always fond of doing things with a creative streak. She enjoys gardening and writing and is an experienced content expert and linguist. Her own experiences with motherhood and raising a baby made her realize the importance of reliable and fact-based parenting information. She was engaged in creating content for publishing houses, research scholars, corporates as well as for her own blog.
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