Low Lying Placenta
12 December 2022 को अपडेट किया गया
प्लेसेंटा प्रिविया गर्भावस्था में कई तरह की जटिलताएँ पैदा कर सकती है जिसमें सबसे मुख्य संभावना यह रहती है कि बच्चे का जन्म सीजेरियन ऑपरेशन से ही होगा. मगर इस के अलावा भी कुछ और जटिलताएं हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. हालांकि ये कम देखने में आती हैं लेकिन इनमें स्थिति काफी गंभीर हो सकती है.
आइये जानते हैं इनके बारे में
ब्लीडिंग होना
प्लेसेंटा प्रिविया होने पर गर्भावस्था या प्रसव के दौरान अचानक बिना दर्द के तेज़ रक्तस्त्राव होने का खतरा बना रहता है जिसमें माँ को एमर्जेंसी चिकित्सा और देखभाल की जरुरत पड़ती है. ऐसा होने पर प्रीमैच्योर लेबर होने का भी खतरा होता है.
ब्लीडिंग का खतरा तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब:
बहुत ज्यादा रक्तस्राव (हैमरेज) माँ और उसके शिशु दोनों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. हालांकि यह स्थिति बेहद कम देखने को मिलती हैं और ऐसा होने पर यदि तुरंत ड़ौक्टरी इलाज़ मिल जाये तो ब्लीडिंग को सही ट्रीटमेंट के द्वारा नियंत्रण में लाया जा सकता है.
प्लेसेंटा एक्रीटा
प्लेसेंटा प्रिविया का ही एक अन्य प्रकार है जिसमें प्लेसेन्टा गर्भाशय की दीवार से असामान्य रूप से काफी गहराई तक जुड़ जाती है और शिशु के जन्म के बाद बाहर निकलने की बजाय यह गर्भाशय से ही जुड़ी रहती है. प्लेसेंटा एक्रीटा होने पर सीजेरियन ऑपरेशन के दौरान काफी अधिक खून बहने का जोखिम रहता है.
माँ के पहले भी सीजेरियन ऑपरेशन होने की स्थिति में जोखिम अधिक रहता है और जितने अधिक सीजेरियन होते हैं खतरा उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसी संभावना होने पर महिला की सही स्थिति का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के स्कैन करते हैं जिसमें डॉप्लर स्कैन या एमआरआई स्कैन कराने की सलाह दी जा सकती है.
प्लेसेन्टा इन्क्रेटा- इसी के अन्य प्रकार में जब प्लेसेन्टा गर्भाशय की दीवार में इतनी गहराई तक चली जाती है कि वहाँ की मांसपेशियों से जुड जाती है तो उसे प्लेसेन्टा इन्क्रेटा कहा जाता है.
प्लेसेन्टा पर्क्रेटा- कुछ अन्य मामलों में प्लेसेन्टा गर्भाशय की दीवार को माध्यम बना कर किसी और अंग जैसे कि यूरिन ब्लेडर तक गहराई से चली जाती है और उसे प्लेसेन्टा पर्क्रेटा कहा जाता है.
ये सभी स्थितियाँ महिला के लिए जोखिम भरी होती हैं और ऐसा होने पर लगातार ड़ौक्टरी सुपरविज़न की ज़रूरत पड़ती है.
वासा प्रिविया
यह बेहद कम होने वाली लेकिन एक खतरनाक स्थिति है जिसमें शिशु की जान को खतरे के साथ साथ प्रेग्नेंसी में भी समस्या आ सकती है. अगर ऐंब्लिकल कॉर्ड की रक्त नलियां सर्विक्स को ढकने वाली झिल्लियों में से होकर गुजरे तो यह समस्या उत्पन्न होती है. ऐसा होने पर इन् मेम्ब्रेन्स को गर्भनाल की सुरक्षा नहीं मिल पाती और ये आसानी से फट सकती हैं और इससे तेज़ ब्लीडिंग होने लगती है.
वासा प्रिविया की वजह से होने वाला रक्तस्राव माँ की बजाय शिशु की जान को जोखिम में डाल देता है. वासा प्रेविया का पता चलने पर डॉक्टर्स तुरंत एमेर्जेंसी सीजेरियन ऑपरेशन करवाने की सलाह देते हैं.
Yes
No
Written by
Loveleen Gupta
A working mother with more than two decades of experience in writing for the publishing industry and digital space, Loveleen Gupta loves dabbling in creative writing also. A graduate from Miranda House, she uses her personal experiences to express herself.
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