Pregnancy
13 August 2023 को अपडेट किया गया
गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए. खासतौर पर इसलिए कि जो खाना वो खाएंगी उसका असर सिर्फ उनके स्वास्थ्य पर नहीं बल्कि अजन्में बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा. खाने की जिन चीजों में विटामिन और मिनरल्स भरपूर हों, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान खूब खाना चाहिए. मखाना, या कमल बीज भी ऐसा ही एक खाना है जो गर्भवती महिला की डाइट का हिस्सा होना चाहिए. प्रेग्नेंसी में मखाना खाना अच्छा होता है क्योंकि इसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू हाई होती है. इसके साथ भ्रूण का विकास सुनिश्चित हो जाता है.
मखाने को कई नामों से बुलाया जाता है जैसे कमल बीज या फॉक्स नट. ये कई सारे अफ़्रीकी और एशियन खानों की जरूरी सामग्रियों में से एक है. इस सुपरफ़ूड का इस्तेमाल कई सारे चिकित्सीय मामलों और कई मेडिकल कंडिशन के इलाज के तौर पर भी होता है. इसको कच्चा या पका हुआ भी खाया जा सकता है. अगर कोई जानना चाहता है कि “क्या हम प्रेग्नेंसी में मखाना खा सकते हैं” तो जवाब हां है. गर्भवती महिला इसको ईवनिंग स्नैक, करी में छिड़ककर, साइड डिश या डेजर्ट के तौर पर भी खा सकती हैं.
कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मखाना खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बहुत हाई होती है. इसलिए ये उन सबसे स्वास्थ्यवर्धक खानों में से एक है, जिन्हें गर्भवती महिलाएं खा सकती हैं.
हर 10 ग्राम मखाने की न्यूट्रिशनल वैल्यू को निम्न टेबल में दिखाया गया है:
पोषण जानकारी |
प्रति 100 ग्राम |
प्रोटीन |
9.7 gm |
फैट |
0.1 ग्राम ग्राम |
कैलोरी |
347 कैल |
लिपिड |
0.1 ग्राम |
कार्बोहायड्रेट |
76.9 ग्राम |
फाइबर |
1415 ग्राम |
कैल्शियम |
60 एमजी |
आयरन |
1.4 एमजी |
इन पोषक तत्वों से अलग, इसमें एंटीऑक्सिडेंट, मैग्नीज, आयरन, फॉसफोरस, पोटेशियम, एमिनो एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी होते हैं.
ऊपर लिखी न्यूट्रिशनल टेबल से, ये जाहिर है कि “क्या प्रेग्नेंसी में मखाना अच्छा है? ” का जवाब हां है. इसलिए अगर गर्भवती महिलाएं मखाना खाना चाहती हैं तो उन्हें इसे कच्चा खाने की बजाए पकाकर खाना चाहिए. वो मखाने को रोस्ट करने के साथ इसके खीर या लड्डू भी बना सकती हैं. यहां बताया गया है कि वो मखाना कैसे पका सकती हैं-
पोषण बढ़ाने के लिए मखाना को खीर में डाला जा सकता है, जिसे राइस पुडिंग भी कहते हैं. खीर में मखाना डालने के लिए इसको रोस्ट करके पाउडर बना लेना चाहिए. इसे बनाने के दौरान मखाने का पाउडर खीर में छिड़कने से इसको गाढ़ा बनाया जा सकता है और अच्छा फ्लेवर भी दिया जा सकता है..
गर्भवती महिलाएं मखाने को पॉपकॉर्न या किसी दूसरे स्नैक के विकल्प के तौर पर खा सकती हैं. इसको लो/मीडियम/हाई फ्लेम पर घी या मक्खन में रोस्ट किया जाना बेहतर होता है. अगर अच्छा लगे तो मखाना स्नैक बनाते हुए इन्हें रोस्ट करने के बाद नमक, मिर्च या फिर ओरीगेनो डालें.
मखाने से लड्डू बनाना, आसान प्रक्रिया है. ऐसा करने के लिए मखाने को रोस्ट करना चाहिए और इसका फाइन पाउडर बना लेना चाहिए. लड्डू मिक्स बनाने के लिए इस पाउडर को दूध और दूसरी सामग्री जैसे ड्राई फ्रूट के साथ मिलाया जाता है. इसके बाद इस मिश्रण से लड्डू बनाएं. लड्डू के सही आकार के लिए हाथों में घी लगा लें.
प्रेग्नेंसी में मखाना के कुछ खास फायदे निम्न हैं-
इंसोमनिया भी एक ऐसी बेहद सामान्य बीमारी है जो हर गर्भवती महिला के सामने आती ही है. ये आमतौर पर तनाव और खाने की बदली आदतों के साथ हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है. मखाना में जरूरी विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट के साथ क्विनोलिन अल्कलॉइड भी होता है, जिसके असर की वजह से बॉडी को आराम मिलता है और नींद भी अच्छी आती है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान मखाना खाकर इंसोमनिया में सुधार किया जा सकता है.
प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिलाएं नियमित मखाना खाकर असंतुलित ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती हैं. मखाना में मौजूद मैग्नेशियम और सोडियम बेहतर ब्लड फ्लो सुनिश्चित करते हैं. जो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने के लिए जरूरी है.
प्रेग्नेंसी में हार्मोनल डिसबैलेंस से कई परेशानियां बढ़ सकती है जैसे डायरिया. हालांकि कमल बीज या मखाना को प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया का सबसे अच्छा इलाज माना जाता है. इसके साथ पाचन तंत्र मजबूत होता है; गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में रोज मखाना खाना चाहिए. इससे डायरिया और पाचन से जुड़ी दूसरी दिक्कतों से बचा जा सकता है.
ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी में मसूढ़ों से जुड़ी दिक्कतें महसूस करती ही हैं. ऐसा हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है, जिसके चलते मसूढ़ों में सूजन आ जाती है. मखाने में मौजूद विटामिन बी कॉम्प्लेक्स महिलाओं को मसूढ़े के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा मखाने में मौजूद जिंक दांत और मसूढ़ों को हेल्थी और मजबूत रखने में मदद करता है.
प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और बढ़ते वजन को संतुलित करना कठिन हो जाता है. इसकी वजह बनती है इस वक्त बढ़ी हुई भूख. मखाना प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्थी स्नैक है. इसका ग्लायसेनिक इंडेक्स लो होता है, जिसका मतलब है कि छोटे आकार के बर्तन में मखाना खाकर महिला को पेट भरा हुआ महसूस होगा. इससे ज्यादा खाने की इच्छा भी कम होती है.
ऊपर सबकुछ है जो महिलाएं मखाने और प्रेग्नेंसी में मखाने के फायदों के बारे में जानना चाहती हैं. इसलिए अगली बार जब गर्भवती महिलाएं अपने लिए स्नैक्स शॉपिंग करने जाएं तो उन्हें अपनी शॉपिंग लिस्ट में मखाने को शामिल कर लेना चाहिए.
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Written by
Parul Sachdeva
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