Breastfeeding & Lactation
13 September 2023 को अपडेट किया गया
छोटे बच्चों की माँओं के लिए दिन भर का रूटीन अक्सर काफ़ी थका देने वाला होता है और ऐसे में अक्सर बच्चे को फ़ीड कराते हुए वो लेटना पसंद करती हैं और इसे एक रेस्टिंग टाइम की तरह यूज़ करने लगती है. हालाँकि, जितनी देर बच्चा फ़ीड लेता है उतनी देर उन्हें भी आराम मिल जाता है लेकिन क्या ऐसा करना सही है और बच्चे के लिए सुरक्षित है?
रात में लेटकर (side lying breastfeeding in Hindi) स्तनपान करवाना बच्चे के लिए रिस्की हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब एक माँ स्तनपान कराने के लिए लेटती है, तो वह अधिक आराम महसूस करने और रिलेक्स होने के कारण सो सकती है. इस दौरान छोटे बच्चे की नाक दबने या दम घुटने का रिस्क बढ़ जाता है. साथ ही, इस स्थिति में दूध का फ़्लो कंट्रोल्ड नहीं रहता जिससे दूध बच्चे के कान में जाने की संभावना बढ़ जाती है और उसे कान का संक्रमण हो सकता है.
बच्चे को लेटकर स्तनपान (side lying breastfeeding in Hindi) कराने का मतलब ये है कि एक माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए सीधे बैठने के बजाय करवट ले कर लेट जाए और लेटे हुए ही अपना स्तन बच्चे के मुँह में दे. यह स्थिति माँ के लिए रात के समय दूध पिलाने के दौरान अधिक आरामदायक होती है और माँ और बच्चे दोनों के लिए सुविधाजनक भी. लेकिन इस पोजीशन के कई सारे साइड इफेक्ट्स (side effects of breastfeeding while lying down in Hindi) भी हो सकते हैं. जिनके बारे में हम आगे आपको बताएँगे
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लेटे हुए दूध पीने पर बच्चे के कान में दूध जाने के अलावा मिल्क फ़्लो और पोस्चर से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं; जैसे कि-
लेटकर स्तनपान कराते हुए (side lying breastfeeding in Hindi) बच्चा झुकी हुई स्थिति में रहता है जिससे उसके ईयर डक्ट के अंदर दूध जाने की संभावना बढ़ जाती है. इस नम वातावरण में बैक्टीरिया की ग्रोथ होती है और बच्चे को कान का इन्फेक्शन हो सकता है.
लेटकर फ़ीड लेने से बच्चे का दम घुटने का खतरा भी रहता है क्योंकि लेटे रहने पर ब्रेस्ट से नॉर्मल से अधिक दूध निकलता है और बच्चा अक्सर उसे उतनी स्पीड से निगल नहीं पाता जिससे उसका दम घुट सकता है.
अक्सर लेटकर ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली माँओं की लैचिंग ठीक तरह से नहीं हो पाती है ऐसे में बच्चे के स्तन को मुँह में लेने और चूसने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. जब ब्रेस्ट पूरी तरह से खाली नहीं होती हैं तो ऐसे में समय के साथ ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन में कमी आ जाती है और बच्चे का पेट भी ठीक से नहीं भर पाता
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लेटकर ब्रेस्टफ़ीड कराने से कभी-कभी माँ को पीठ और गर्दन में दर्द भी होने लगता है जो ख़राब पोस्चर के कारण होता है. इस रिस्क को कम करने के लिए यह ज़रूरी है कि स्तनपान के दौरान आरामदायक स्थिति बनाए रखने के लिए माँ के शरीर को सही सपोर्ट मिले. बीच- बीच में पोस्चर बदलने और स्ट्रेचिंग करने से पीठ और गर्दन के दर्द से बचाव किया जा सकता है.
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लेटकर दूध पिलाने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि यह माँ के लिए एक आरामदायक पोज़ीशन है, खासकर रात में दूध पिलाने के दौरान. इससे उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के साथ ही रिलेक्स होकर आराम करने का भी मौका मिल जाता है.
लेटकर स्तनपान कराने से माँ और बच्चे के बीच स्किन-टू- स्किन कांटेक्ट होता है जिससे माँ और बच्चे के बीच की बॉंडिंग बढ़ती है.
ये पोज़ीशन बैठ कर फ़ीड कराने के बजाय ज़्यादा रिलेक्सिंग और शांत माहौल देती है. साथ ही, माँ के लिए भी ज़्यादा सुविधाजनक होती है क्योंकि इसमें उसकी बॉडी और ख़ासकर पीठ को आराम मिलता है.
लेटकर फ़ीड कराने पर ग्रेविटी के कारण मिल्क फ़्लो बढ़ जाता है जिससे बच्चा ज़्यादा अच्छे तरह से दूध पी सकता है. साथ ही, डिलीवरी के बाद रिकवर हो रही माँ के लिए भी यह सुविधाजनक होता है क्योंकि लेट कर ब्रेस्ट फ़ीड कराने पर बच्चे को पकड़ के बैठने का प्रयास नहीं करना पड़ता और इससे बॉडी पर कम ज़ोर पड़ता है.
आगे आपको बताएँगे कि बच्चे को लेट कर स्तनपान कराते हुए सुरक्षा के लिए किन-किन बातों का ख़्याल रखना चाहिए.
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माँ और बच्चे दोनों की सुरक्षा के लिए लेटते हुए ब्रेस्ट फ़ीड कराने पर कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है; जैसे कि-
सोने के लिए एक सेफ माहौल बनाएँ जिसमें बेड पर बड़े-बड़े पिलो या भारी कंबल जैसी चीज़ें न रखें जिसमें फँस कर बच्चे का दम घुट सकता है. केवल एक फिटेड बेडशीट के साथ अच्छी मेट्रेस का प्रयोग करें.
बच्चे को अपनी तरफ मुँह करके लिटाएँ जिसे उसकी नाक आपके निप्पल के बराबर आ जाए. बच्चे की बॉडी माँ के शरीर के समानांतर होनी चाहिए और मुँह ब्रेस्ट के लेवल पर होना चाहिए. बच्चे के सिर और गर्दन को अपनी एक बाँह से सहारा दें और उसकी लोअर बॉडी को सपोर्ट देने के लिए अपनी निचली बाँह का प्रयोग करें.
अगर आप दोनों ब्रेस्ट से फ़ीड करा रही हैं, तो बैलेंस्ड मिल्क प्रोडक्शन और ब्रेस्ट की हेल्थ मेंटेन करने के लिए एक फ़ीडिंग सेशन के बाद करवट बदल कर दूसरी ब्रेस्ट से फ़ीड दें.
हालाँकि, करवट लेकर ब्रेस्टफ़ीड कराना आरामदायक होता है, लेकिन नींद में बच्चे के माँ के नीचे दब जाने जैसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए दूध पिलाने के दौरान माँ का जागते रहना ज़रूरी है. अगर आप बहुत थके हुए हैं तो परिवार के किसी व्यक्ति को इस काम के लिए अपने साथ रखें.
अब आप को बताते हैं लेट कर बच्चे को दूध पिलाने के तीन ऐसे ऑप्शन जिनमें आप आरामदायक रूप से स्तनपान करा सकती हैं.
क्रेडल होल्ड सबसे ज़्यादा पॉपुलर ब्रेस्टफ़ीडिंग पोज़ीशंस में से एक है. बच्चे का सिर को बाँह पर टिकाएँ और उसका मुँह अपनी ब्रेस्ट की ओर करें. फ़ीड लेते हुए बच्चे की लोअर बॉडी को अपने हाथ से सहारा दें.
इस स्थिति में बच्चे का शरीर फ़ुटबॉल की तरह आपकी बाँह के नीचे दबा होता है. बच्चे के सिर को अपने हाथ से पकड़ें जबकि उसकी बॉडी को बाँह के नीचे दबाते हुए पैरों को अपनी पीठ की ओर रखें. इस ग्रिप का प्रयोग छोटे बच्चों को फ़ीड कराने के लिए ज़्यादा सुविधाजनक होता है.
क्रैडल होल्ड की जैसी ही इस पोज़ीशन में बस इतना अंतर है कि आप बच्चे के सिर को सहारा देने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हैं. इससे बच्चे को मज़बूत सहारा और माँ को उन्हें ब्रेस्ट पर स्थित रखने और लैचिंग कराने में सुविधा होती है.
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याद रखें कि ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए बच्चे को लेकर बैठते हुए ऐसी पोज़ीशन चुनें जो आपके और बच्चे दोनों के लिए आरामदायक हो और जिसमें बच्चे की सेफ़्टी के साथ-साथ अच्छे से लैचिंग भी हो सके. इसके लिए आप इन तीनों पोज़ीशन को ट्राई करें और देखें कि आप को किस में सबसे अधिक कंफर्ट मिलता है. हालाँकि, अगर आपको लेट कर दूध पिलाना ही सबसे सुविधाजनक लगता है तो ऐसे में बच्चे की सुरक्षा से जुड़ी बातों का हमेशा ख्याल रखें.
1. Byard RW. (1998). Is breast feeding in bed always a safe practice? J Paediatr Child Health.
2. Degefa N, Tariku B, Bancha T, Amana G, Hajo A, Kusse Y .(2019).Breast Feeding Practice: Positioning and Attachment during Breast Feeding among Lactating Mothers Visiting Health Facility in Areka Town, Southern Ethiopia. Int J Pediatr.
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Kavita Uprety
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