Pregnancy Journey
10 August 2023 को अपडेट किया गया
प्रेगनेंसी में क्या करें और क्या न करें की लिस्ट थोड़ी बड़ी हो सकती है. जैसे-जैसे आपका पेट हफ्ते-दर-हफ्ते बढ़ता है, आप अपनी चिंताओं की लिस्ट में नींद की पोज़िशंस भी ऐड कर सकती हैं. अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अपनी पीठ के बल सो रही हैं, तो आपको अब एक नई पोज़िशन की आदत डालनी पड़ सकती है, क्योंकि प्रेग्नेंट महिलाओं को 20 हफ्ते के बाद अपनी पीठ के बल ना सोने की सलाह दी जाती है. जब प्रेगनेंसी के दौरान आप अपनी पीठ के बल लेटती हैं, तो आपके यूट्रस का प्रेशर एक मेजर ब्लड वेसेल को कंप्रेस कर सकता है जो आपकी रीढ़ की हड्डी के पास चलती है जिसे वेना कावा कहा जाता है. माना यह जाता है कि वेना कावा के दबने से आपके बच्चे में ब्लड का फ्लो बाधित हो सकता है. इसलिए, सामान्य तौर पर, ज्यादातर डॉक्टर सोते समय ब्लड वेसेल को कंप्रेस होने से बचाने की सलाह देते हैं.
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नींद वह टाइम होता है जिसके दौरान आपका शरीर रीसेट होता है और खुद को रिपेयर करता है. यह वह समय है जब आपका ब्रेन मेमोरीज बनाता है और आपकी ब्लड वेसल्स खुद को कैसे रिस्टोर करती हैं, जो अब विशेषकर बहुत जरूरी है क्योंकि इन्हें अब बच्चे को सहारा देने के लिए जरूरी अतिरिक्त ब्लड फ्लो प्रेशर को भी संभालना हैं. साथ ही, नींद आपकी इम्यून सिस्टम को हैल्थी रखती है, जिस पर आपकी प्रेगनेंसी को सपोर्ट देने के लिए दबाब आ जाता है. नींद यह भी कंट्रोल करती है कि आपका शरीर इंसुलिन के प्रति कैसे रिएक्ट करता है, और नींद के पूरा ना होने पर हाई ब्लड शुगर का खतरा बढ़ जाता है, जिससे गेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है.
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जब आप प्रेग्नेंट हों, तो बाईं ओर करवट लेकर सोना सबसे अच्छी नींद की पोज़िशन है, हालांकि आपकी दाहिनी ओर करवट लेकर भी सोया जा सकता है. पहली तिमाही के बाद पेट के बल लेटना वैसे भी असंभव हो जाता है. कई विशेषज्ञ भी प्रेगनेंसी के दौरान पूरी रात पीठ के बल लेटने से बचने की सलाह देते हैं. हालांकि, अब कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाएं इस बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने के बजाय किसी भी आरामदायक पोज़िशन में सो सकती हैं क्योंकि नींद आपके और आपके बच्चे की हेल्थ के लिए जरूरी है.
अगर आपको करवट लेकर सोने में स्पोर्ट की जरूरत पड़ती है, तो विभिन्न तकियों के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को सहारा देने की कोशिश करें. आप एक प्रेगनेंसी तकिया भी ले सकती हैं या खुद को सहारा देने के लिए बहुत से रेगुलर तकियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. उदाहरण के लिए, आप एक तकिया अपने घुटनों के बीच और दूसरा अपने हिप्स के नीचे रख सकती हैं, जो आपकी साइड को ज्यादा आसानी से बैलेंस करने में मदद कर सकता है. आप अपनी पीठ के पीछे या अपने सामने फुल बॉडी पिलो तकिये को रखकर भी सोने की कोशिश कर सकती हैं, या एक स्पाइक(नुकीला) के आकार के तकिए को अपने बगल या चेस्ट के नीचे रखकर सोने की कोशिश कर सकती हैं.
आपकी प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान सोने की सबसे अच्छी पोज़िशन करवट लेकर सोना ही है. कुछ डॉक्टर बाईं ओर दाईं ओर सोने की सलाह देते हैं, क्योंकि वेना कावा आपकी रीढ़ के दाईं ओर स्थित होता है और आपके बाईं ओर सोने से आपके बच्चे को ज्यादा अच्छी तरह से ब्लड फ्लो करने में मदद मिलती है. पर आपको जैसे भी ठीक लगे और जो भी साइड सोने में अच्छा महसूस हो आपको उसे ही चुनना चाहिए. अपने और अपने बच्चे की हेल्थ के लिए हमेशा "बेहतर साइड" के जगह आराम चुनें
मैं सोच रही थी कि प्रेग्नेंट होने पर आपको अपने पेट के बल सोना कब बंद करना चाहिए. आप कम से कम थोड़ी देर के लिए तो ज़रूर सो सकते हैं. जब तक आप प्रेगनेंसी के 16 से 18 हफ्ते तक नहीं पहुंचतीं, तब तक ही पेट के बल सोना ठीक है. इस स्टेज में आपका बम्प बढ़ जाता है, जिससे यह पोज़िशन कम पसंद की जाती है. एक बार जब आपका पेट दिखना शुरू हो जाता है, तो ज्यादातर महिलाओं के लिए पेट के बल सोना असहज हो जाता है. लेकिन अपने पेट बचाने का मतलब केवल अच्छा महसूस करने से ही नहीं है; यह सुरक्षा कारणों से भी जरूरी है. पेट के बल सोने से पीठ के बल सोने जितना ही बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा, प्रेगनेंसी के दौरान पेट के बल सोने से आपका बम्प आपके पेट के अंदर चला जाता है जिससे एओर्टा और IVC (इन्फीरियर वेना कावा) पर प्रेशर पड़ता है.
पहली तिमाही में पीठ के बल सोना सुरक्षित है. हालांकि, चूंकि आपका यूट्रस मिड प्रेगनेंसी में भारी हो जाता है, इसलिए दूसरी पोज़िशन चुनना सबसे अच्छा होता है. इसके अलावा, प्रेगनेंसी के 15 से 20 हफ्ते के बीच, यूट्रस इतना बड़ा हो जाता है कि जब आप अपनी पीठ के बल सोती हैं, तो ब्लड फ्लो में दिक्कत पैदा होने लगती है. यह इन्फीरियर वेना कावा को कंप्रेस कर सकता है, एक बड़ी वेन जो आपके वर्टिब्रल कॉलम के दाईं ओर चलती है और शरीर के निचले और बीच के हिस्से से डीऑक्सीजेनेटेड ब्लड को हार्ट तक पहुंचाती है. पीठ के बल सोना भी एओर्टा को कंप्रेस कर सकता है, जो आपके शरीर और प्लेसेंटा को जाने वाली मैन ब्लड सप्लाई को बंद कर सकता है. इसके कारण, प्रेग्नेंट महिलाओं को सांस की कमी महसूस हो सकती है, जैसे कि पीठ के बल सोने के कारण उनका दिल तेजी से धड़कने लगे, जिससे हार्ट में ब्लड का फ्लो कम हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान आपके पीठ के बल सोने से जुड़े अन्य इश्यूज में पीठ दर्द, बवासीर, डाइजेस्टिव इश्यूज और खराब ब्लड सर्कुलेशन शामिल हैं.
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प्रेगनेंसी के दौरान रात को करवट लेकर सोना सबसे अच्छी पोज़िशन है, खासतौर पर बायीं करवट सोने की पोज़िशन, क्योंकि ब्लड फ्लो को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए मां के लिए यूट्रस का वजन दाहिनी ओर से उठाना सुविधाजनक होता है. दाईं ओर सोना उतना सुरक्षित नहीं है जितना कि आपके बाईं ओर सोना क्योंकि यह IVC को कंप्रेस कर सकता है, लेकिन तकिए का इस्तेमाल यूट्रस को सपोर्ट देने के लिए किया जा सकता है ताकि यह दाईं ओर न खिसक जाए.
हालांकि, अगर आप जीवनभर पीठ या पेट के बल पर झपकी लेती रही हैं, तो ऐसे में अपनी साइड बदलकर बाईं ओर सोना मुश्किल हो सकता है. इसलिए डॉक्टर अर्ली प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंट बॉडी पिलो लगाने की सलाह देते हैं, जिससे समय रहते आप इसके इस्तेमाल को ऑप्टिमाइज़ कर सकें, अपने लिए सबसे बेहतर पोज़िशन का पता लगा सकें. नींद के दौरान कूल्हे या पैर के दर्द को कम करने के लिए आप इसे अपने पैरों के नीचे भी रख सकती हैं. अगर आप आराम से अपनी तरफ नहीं झुक सकती हैं, तो आप खुद को झुकाने के लिए तकिए का इस्तेमाल कर सकती हैं. 45 डिग्री के झुकाव पर अपनी पीठ के बल सोने से कंप्रेशन से बचा जा सकता है.
रात भर लोगों के लिए पोज़िशन बदलना आम बात है. इसलिए, अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अपनी पीठ के बल या अपने पेट के बल सोते हुए उठती हैं, तो घबराएं नहीं; कोई दिक्कत की बात नहीं है. शायद आप लंबे समय तक उस पोज़िशन में थे ही नहीं, क्योंकि आपका शरीर असहज नींद से बचने के लिए एडजेस्ट जो हो जाता है. हालांकि, अगर आप तीसरी तिमाही के दौरान अपनी पीठ के बल सोती हैं, तो यह ब्लड फ्लो को कंप्रेस कर देगा और आपको जल्द अजीब सा महसूस कराएगा, इसलिए आप जाग जाएंगे और बेबी के ब्लड फ्लो से कॉम्प्रोमाइज़ करने के लिए अपनी पीठ के बल ज्यादा देर तक नहीं लेट पाएंगे. अपने पार्टनर से यह चेक करने के लिए कहें कि क्या आप अपनी पीठ, पेट या दाहिनी ओर सोने की पोज़िशन में अक्सर जागती रहती हैं.
लगभग 28 हफ्ते की प्रेगनेंसी में, जब आपका यूट्रस भारी हो जाता है, तो आपको पीठ के बल लेटने में समस्या आने लगती है. आपके यूट्रस का कंटेंट, जिसमें आपका बेबी, प्लेसेंटा और एमनियोटिक फ्लूइड शामिल हैं, आपके प्रेगनेंसी के वजन का लगभग वन थर्ड पार्ट बनाते हैं. जब आप पीठ के बल लेटती हैं, तो यूट्रस का भार IVC पर पड़ता है. IVC पर लम्बे समय तक भार डालने से जन्म के समय कम वजन, प्रीक्लेम्पसिया, फीटल की ग्रोथ में कमी और स्टिलबर्थ जैसी दिक्कतें हो सकती है.
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प्रेगनेंसी के दौरान, वेना कावा पर बहुत ज्यादा प्रेशर आपको प्रीक्लेम्पसिया और हाई ब्लड प्रेशर होने के रिस्क को बढ़ा सकता है. प्रीक्लेम्पसिया के साथ, आपको सिरदर्द या पेट में दर्द हो सकता है, जिससे प्रीटर्म डिलीवरी या स्टिलबर्थ हो सकता है.
30/हफ्ते की प्रेगनेंसी के बाद में, आपके पीठ के बल सोने से इन्फीरियर वेना कावा कंप्रेस हो सकता है, जो ब्लड फ्लो को पोटेंशियली बाधित कर सकता है और फीटल की ग्रोथ को कम कर सकता है. जो आगे जाकर जन्म के समय कम वजन का कारण बन सकता है. जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं में सांस लेने में तकलीफ और पीलिया का रिस्क बढ़ सकता है.
स्टिलबर्थ: रिसर्च में पाया गया है कि जब प्रेग्नेंट महिलाएं 28 हफ्ते की प्रेगनेंसी के बाद अपनी पीठ के बल सोती हैं, तो स्टिलबर्थ (मरा हुआ बेबी पैदा होने) का रिस्क में तीन गुना बढ़ जाता है. पीठ के बल सोने से फीटल की ग्रोथ रूकने और फीटल के स्ट्रेस का रिस्क बढ़ जाता है, जिससे आपका और बच्चे दोनों का रिस्क बढ़ जाता है. अगर कोई कोमॉर्बिडिटी मौजूद है, तो ये फैक्टर्स स्टिलबर्थ के रिस्क को और बढ़ा देते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान अपनी पीठ के बल सोना पहली दो तिमाही के दौरान सुरक्षित है. हालांकि, तीसरी तिमाही के दौरान, पीठ के बल सोने से बचना सबसे अच्छा है क्योंकि यह आपके और बच्चे दोनों के लिए कुछ रिस्कों से जुड़ा जो है. अगर आप जागती हैं और खुद को अपनी पीठ के बल सोता हुआ पाएं, तो तुरंत अपनी पोज़िशन में सुधार कर लें. आप एक प्रेगनेंसी तकिया का इस्तेमाल भी कर सकती हैं और अपने आप को फ्लैट पोज़िशन में लुढ़कने से बचाने के लिए इसे अपनी पीठ के पीछे रख सकते हैं. साथ ही, प्रेगनेंसी के दौरान सोने की पोज़िशन के बारे में आपका कोई सवाल या कंसर्न होने पर अपने डॉक्टर से बात करना ही बेस्ट है.
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Written by
Khushboo Goel
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